भारतीय महिला निशानेबाज मनु भाकर को भारत के प्रतिष्ठित खेल अवार्ड मेजर ध्यानचंद खेल रत्न में नामांकित नहीं किए जाने पर माहौल गरमा गया है। मनु के पिता ने खेल समिति के ऊपर कई आरोप लगाए हैं।
Sports Desk: भारतीय महिला निशानेबाज मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। इसके बावजूद खेल के बड़े पुरस्कार 'मेजर ध्यानचंद अवार्ड' के लिए मनु को कथित तौर पर नामांकित नहीं किया गया। अब मनु ने इस पुरस्कार का अंतिम निर्णय करने का फैसला देश के लोगों के हाथों में छोड़ दिया है। यह मामला तब गरमाया, जब नेशनल खेल पुरस्कारों पर फैसला करने वाली समिति ने मनु के नाम की सिफारिश की। साथ ही, समिति भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान हरमनप्रीत सिंह को खेल रत्न देने के लिए आगे आए। इस मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है और मनु के पिता राम किशन ने अपना बयान जारी किया है।
निशानेबाज मनु भाकर के पिता ने टेलीकॉम एशिया स्पोर्ट के साथ एक इंटरव्यू के दौरान बातचीत करते हुए कहा कि "वह इस अवार्ड के लायक हैं और वह ऐसा सोच भी रही हैं। इसका फैसला अब उन्होंने देश के लोगों के हाथों में रख दिया है।"
उधर खेल मंत्रालय के द्वारा कहा गया है कि 20 वर्षीय मनु भाकर ने खेल रत्न के लिए नामांकन नहीं करवाया था। लेकिन, उनके पिता का कुछ और ही कहना है। मनु के पिता ने कहा कि "मनु बीते 4 साल से लगातार पद्मश्री जैसे बड़े पुरस्कारों के लिए नामांकन कर रही हैं। ऐसे में वह इस साल कैसे नामांकन नहीं करेगी?"
मनु के पिता के बताए गए बातों के अनुसार, उनकी बेटी ने पिछले वर्षों में 49 नकट पुरस्कार के लिए आवेदन किया। जिसके लिए वह हकदार भी थीं। लेकिन, उनके द्वारा की गई सभी आवेदनों को खारिज कर दिया गया था। राम किशन ने कहा कि "मनु के द्वारा किए गए इतने बेहतरीन प्रदर्शन के बाद यदि मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड नहीं दिए जाते हैं, तो इस पर मुझे लगता है कि समिति में कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। या फिर किसी दूसरे के आदेश को सख्ती से पालन किया जा रहा है। यदि हमें खेल के प्रति भारत को आगे की ओर बढ़ता है तो ओलंपिक पदक जीतने वाले को सम्मान देना ही होगा। उन्हें उनके प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ना कि उनका मनोबल कम करना।"
पेरिस ओलंपिक में निशानेबाज मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल चैलेंज में कान से पदक जीतकर ओलंपिक में पदक जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला बनीं। इसी के साथ उन्होंने इतिहास रच दिया था। इतना ही नहीं, मनु ने सरबजीत सिंह के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में एकल स्पोर्ट्स में एक और कांस्य पदक अपने नाम किया था। भारत की आजादी के बाद किसी भारतीय महिला द्वारा एक ओलंपिक में दो पदक जीतने का रिकॉर्ड मनु भाकर के नाम ही दर्ज है।
मनु भाकर उसे समय सुर्खियों में आ गईं, जब उन्होंने एक पोस्ट किया। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा था कि क्या वह खेल रत्न पुरस्कार की हकदार नहीं हैं? इस पोस्ट के बाद माहौल पूरी तरह से गरमा गया। कुछ लोगों ने इसे ठीक नहीं माना था और बाद में निशानेबाज को अपना पोस्ट हटाना भी पड़ा। साल की शुरुआत में हुए उसे विवाद के बावजूद अब खेल रत्न अवार्ड के लिए नामांकित सूची में मनु भाकर का नाम नहीं पाकर उनके चाहने वाले निराशा व्यक्त कर रहे हैं।
निशानेबाज मनु भाकर राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। साल 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने 10 मी महिला एयर पिस्टल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता था। साल 2022 में भी उन्होंने 25 मी महिला एयर पिस्टल चैलेंज में जीत दर्ज की थी।
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