
Injured Indian Cricketers Played Matches: भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के चौथे मैच में चोटिल होने के बाद भी फ्रैक्चर्ड पैर लेकर खेलने के लिए आए। इससे पहले लॉर्ड्स टेस्ट मैच में भी उंगली की चोट के बावजूद वह बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर उतरे थे। ऐसे में ऋषभ पंत के जज्बे को सलाम किया जा रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ ऋषभ पंत ही नहीं बल्कि भारतीय टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो गंभीर रूप से चोटिल होने के बाद भी मैदान पर देश के लिए खेलते हुए नजर आए हैं। आइए जानते हैंस उन पांच क्रिकेटरों के बारे में जिनका इंजरी भी कुछ बिगाड़ नहीं पाई...
2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय गेंदबाज अनिल कुंबले का जबड़ा टूट गया था। उन्हें खून की उल्टी हुई थी, लेकिन इसके बाद भी वह सिर पर पट्टी बांधे और जबड़े पर बैंडेज लगाए गेंदबाजी करने उतरे और वेस्टइंडीज के घातक बल्लेबाज ब्रायन लारा का विकेट चटकाया। क्रिकेट के इतिहास में यह एक आईकॉनिक मोमेंट है।
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भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह 2011 वर्ल्ड कप के दौरान कैंसर से जूझ रहे थे और उनकी तबीयत इतनी खराब थी कि वह पिच पर खड़े तक नहीं हो पा रहे थे। इसके बावजूद उन्होंने 2011 वर्ल्ड कप में 362 रन और 15 विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया था।
इस लिस्ट में भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का नाम भी शामिल हैं, जो 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हाथ में फ्रैक्चर होने के बाद गेंदबाजी करने उतरे थे और पूरी सीरीज में वह हाथ में दर्द के बावजूद खेलते रहे थे।
ऋषभ पंत एक बार नहीं बल्कि कई बार इंजर्ड होने के बाद भी मैदान पर खेलते हुए नजर आ चुके हैं। 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट मैच में कोहनी पर चोट लगने के बावजूद वह बल्लेबाजी करने उतरे और 97 रनों की पारी खेली।
वीरेंद्र सहवाग भी उन भारतीय क्रिकेटरों में से एक है, जिन्होंने इंजर्ड होने के बाद भी अपने देश के लिए समर्पण दिखाया। 2003 वर्ल्ड कप के दौरान उनकी उंगली में फ्रैक्चर हो गया था, इसके बाद भी उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ घातक बल्लेबाजी की थी।
2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कप्तानी कर रहे अजिंक्य रहाणे को शरीर में कई जगह चोट लगी थी। इसके बाद भी वह ब्रिस्बेन टेस्ट में खेलने उतरे और अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई।