Sachin Tendulkar's 50th Birthday: जानें सचिन की लाइफ से जुड़ी 50 रोचक और रोमांचक जानकारियां
24 अप्रैल 2023 को सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) 50 साल के हो रहे हैं। यह उनकी लाइफ की हाफ सेंचुरी है, जिसे सचिन और उनके फैंस शानदार तरीके से मना रहे हैं। आइए जानते हैं सचिन की जिंदगी से जुड़े 50 रोचक जानकारियां।
Manoj Kumar | Published : Apr 23, 2023 8:27 AM IST / Updated: Apr 23 2023, 02:12 PM IST
HBD Sachin@50. 24 अप्रैल 2023 को सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) 50 साल के हो रहे हैं। यह उनकी लाइफ की हाफ सेंचुरी है, जिसे सचिन और उनके फैंस शानदार तरीके से मना रहे हैं। आइए जानते हैं सचिन की जिंदगी से जुड़े 50 रोचक जानकारियां। 24 साल के क्रिकेट करियर में सचिन तेंदुलकर ने ऐसी-ऐसी उपलब्धियां हासिल की हैं, ऐसे रिकॉर्ड्स बनाए हैं, जिसे तोड़ पाना किसी खिलाड़ी के लिए सपने से कम नहीं है। जानें सचिन की लाइफ से जुड़े 50 फैक्ट्स।
सचिन पहले तेज गेंदबाज बनना चाहते थे लेकिन एमआरएफ फाउंडेशन में 1987 में ऑस्ट्रेलिया के महान डेनिस लिली ने उन्हें बतौर तेज गेंदबाज रिजेक्ट कर दिया था। लिली ने उनसे बैटिंग पर ध्यान देने की बात कही।
सचिन 1987 में मुंबई में पाकिस्तान के खिलाफ एक मैत्री मैच में पाकिस्तानी टीम के लिए फील्डिंग की थी। इसके दो वर्ष बाद उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया।
सचिन तेंदुलकर ने वनडे क्रिकेट में 2 बार 5 विकेट लेने का करिश्मा किया है जबकि महान गेंदबाज शेनवार्न सिर्फ 1 बार ही वनडे में 5 विकेट ले पाए हैं।
1987 के वर्ल्डकप में सचिन तेंदुलकर भारत बनाम जिम्बाबवे के मैच में बॉल ब्वाय बने। तब वानखेड़े स्टेडियम में यह मैच खेला गया। तब सचिन की उम्र सिर्फ 14 साल थी।
सचिन ने पहली बार 200 रन बनाने का करिश्मा किया था। 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे मैच में सचिन तेंदुलकर ने 200 रनों का आंकड़ा छुआ था।
1992 में 19 साल की उम्र में सचिन ने इंग्लैंड के यार्कशायर काउंटी के लिए क्रिकेट खेला। तब वे दुनिया के सबसे यंग खिलाड़ी बने जिन्होंने इंग्लैंड के लिए काउंटी क्रिकेट खेला था।
1989 में पाकिस्तान के खिलाफ सचिन तेंदुलकर का इंटरनेशनल डेब्यू हुआ और यह मैच कपिल देव का 100वां मैच भी था।
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सचिन के पिता प्रोफेसर रमेश तेंदुलकर संगीतकार सचिन देव बर्मन के बड़े फैन थे। इन्हीं के नाम पर उन्होंने बेटे का नाम भी सचिन रखा था।
सचिन की मां रजनी तेंदुलकर ने पहली बार उन्हें खेलते हुए लाइव तब देखा जब सचिन तेंदुलकर अपना अंतिम टेस्ट मैच खेल रहे थे।
2010 के आईपीएल सीजन में सचिन तेंदुलकर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बैटर थे। उन्होंने 15 मैचों में कुल 618 रन बनाए थे।
सचिन तेंदुलकर ने जब तक क्रिकेट खेला तब उनके किटबैग में हमेशा तिरंगा लगा होता था। यह सचिन की पहचान बन गया था।
सचिन तेंदुलकर पहले खिलाड़ी रहे हैं जिन्हें भारत रत्न से नवाजा गया। भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान से उन्हें 2014 में सम्मानित किया गया था।
विश्वकप में सबसे ज्यादा 9 बार सचिन तेंदुलकर को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला है। सचिन का सपना रहा कि वे वर्ल्ड कप जीत जाएं।
सचिन ने पहली कार मारूति 800 खरीदी थी। यह कार उन्होंने लोन लेकर खरीदी जिसका बाद में भुगतान कर दिया गया। बाद में वे बीएमडब्ल्यू के ब्रांड एंबेसडर भी बने।
सचिन पहले इंटरनेशनल खिलाड़ी रहे जिन्हें थर्ड अंपायर ने रनआउट करार दिया था। यह मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 1992 में खेला गया था।
सचिन तेंदुलकर ने डोमेस्टिक क्रिकेट में शानदार खेल दिखाया था। रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी में सचिन तेंदुलकर ने सेंचुरी जड़ी थी।
सचिन ने अपना बल्ला पाकिस्तानी ऑलराउंडर शाहिद आफरीदी को दिया था जिन्होंने 1996 में श्रीलंका के खिलाफ 37 गेंद पर सबसे तेज शतक जड़ने का करिश्मा किया था।
सचिन तेंदुलकर को अपने गुरू रमाकांत आचरेकर से तब एक सिक्का मिलता था जब वे पूरे नेट सेशन के दौरान आउट नहीं होते थे। सचिन ने ऐसे 13 सिक्के जमा किए थे।
1995 में सचिन तेंदुलकर दुनिया के सबसे धनी क्रिकेटर बने और उन्होंने वर्ल्ड टेल के साथ 31.5 करोड़ रुपए का करार साइन किया था।
शुरूआती दिनों में सचिन तेंदुलकर अपनी क्रिकेट किट को सिर के नीचे सोया करते थे।
सचिन तेंदुलकर के पास बेहतरीन क्वालिटी की घड़ियां और परफ्यूम का कलेक्शन है।
सचिन तेंदुलकर ने अपने पहले विज्ञापन में एक प्लास्टर कंपनी का प्रमोशन किया था।
सचिन तेंदुलकर ने जिस पहले ब्रांड को एंडोर्स किया, वह बूस्ट था।
सचिन तेंदुलकर ने रणजी डेब्यू में रवि शास्त्री की कप्तानी में पहला मैच खेला था।
5 फीट 5 इंच के सचिन तेंदुलकर ने अपने पूरे करियर के दौरान 3.2 पौंड के बल्ले से ही क्रिकेट खेला।
सचिन के दोस्त अतुल रानाडे ने कहा था कि मास्टर तेंदुलकर बचपन में शेयर मार्केट ज्वाइन करना चाहते थे। इसे लेकर विवाद भी हुआ।
सचिन एक बार दाढ़ी लगाकर सिनेमा हाल में रोजा फिल्म देखने पहुंच गए। लेकिन उनका चश्मा गिर गया जिसके बाद पब्लिक ने उन्हें पहचान लिया।
सचिन तेंदुलकर गाइड फिल्म देखने के चक्कर में पेड़ से गिर गए थे। जिसके बाद उनके भाई ने उन्हें सजा देने की नीयत से क्रिकेट खेलने के लिए भेजा।
सचिन खाली समय में बांद्रा ईस्ट में मछलियां पकड़ते थे क्योंकि उनकी हाउसिंग कॉलोनी वहीं पास में ही थी।
सचिन तेंदुलकर ने एक बार मराठी टेलीविजन न्यूज चैनल पर कहा था कि उनकी सबसे बड़ी कमजोरी वड़ा पाव है।
सचिन ने अपना पहला टेस्ट मैच पाकिस्तान के खिलाफ खेला जिसमें सुनील गावस्कर द्वारा गिफ्ट किए गए पैड्स को उन्होंने पहना था।
सचिन तेंदुलकर जॉन मैक्रो के बहुत बड़े फैन हैं और यही वजह रही कि वे उन्हीं की तरह हेयर स्टाइल की कॉपी करते थे।
सचिन तेंदुलकर ने साल 2000 में गेटवे ऑफ इंडिया के पास एक रेस्टोरेंट शुरू किया था, बाद में इसे बंद कर दिया गया।
सचिन तेंदुलकर को किशोर कुमार के गाने बेहद पसंद हैं और वे रॉक ग्रुप डायर स्ट्रेट के गाने भी खूब एन्जॉय करते हैं।
सचिन तेंदुलकर को टेनिस बॉल क्रिकेट बहुत पसंद है और बारिश के दौरान भी क्रिकेट खेलना जारी रखते थे।
सचिन तेंदुलकर ने एक बार सौरभ गांगुली के कमरे में भूत जैसी आकृति छिपा दी थी ताकि दादा उठें तो डर जाएं।
1996 वर्ल्ड कप तक सचिन तेंदुलकर का किसी बैट कंपनी के साथ कोई करार नहीं था। इसके बाद एमआरएफ के साथ सचिन ने करार किया।
सचिन तेंदुलकर अमिताभ बच्चन के बहुत बड़े फैन हैं और वे अमिताभ की फिल्मे दीवार और जंजीर को कई बार देख चुके हैं।
सचिन तेंदुलकर इकलौते क्रिकेटर हैं जिन्हें राज्य सभा के लिए मनोनीत किया गया था।
सचिन तेंदुलकर ने श्रीकांत से लेकर महेंद्र सिंह धोनी तक कुल 10 कप्तानों के अंडर में क्रिकेट खेला है। सबसे ज्यादा मैच उन्होंने गांगुली की कप्तानी में खेले।
साल 2002 में विजडन ने सचिन तेंदुलकर को सर डॉन ब्रेडमैन के बाद दूसरा सबसे महान खिलाड़ी करार दिया था।
सचिन ने किसी भी क्रिकेटर से ज्यादा यानि कुल 6 बार विश्वकप खेला। वे 2011 में विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे।
सचिन तेंदुलकर हमेशा 10 नंबर की जर्सी पहनते रहे हैं। उनके बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में शार्दूल ठाकुर ने 10 नंबर की जर्सी पहनी है।
सचिन जब भी पैड बांधते थे तो पहले वे बायां पैड बांधते और फिर दायां पैर बांधा करते थे। यह उनकी आदम बन चुका था।
फिरोजशाह कोटला में जब कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ 10 विकेट लिए तो उस मैच में कुंबले के हर ओवर में सचिन उनका कैप और स्वेटर अंपायर को देते थे।
सचिन तेंदुलकर बैटिंग और बॉलिंग भले ही दाहिने हाथ से करते रहे हैं लेकिन वे लिखते बाएं हाथ से ही हैं।
1990 में पहली टेस्ट सेंचुरी मारने के बाद सचिन तेंदुलकर को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया। तब उन्हें शैंपेन की बॉटल दी गई लेकिन वे उसे खोल नहीं पाए क्योंकि उनकी उम्र 18 वर्ष से कम थी।
सचिन ने एक कैलेंडर ईयर में 1000 टेस्ट रन बनाने का रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने 6 बार यह कारनामा किया था।
3 सितंबर 2010 को सचिन ऐसे पहले खिलाड़ी बने जिन्हें इंडियन एयरफोर्स ने ऑनररी ग्रुप कैप्टन का पद देकर सम्मानित किया।
इंटरनेशन क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर 23 बार नर्वस नाइटी का शिकार हुए। वे वनडे मैच में 3 बार 99 रनों पर ऑउट हो चुके हैं।