भारत का सबसे बदकिस्मत क्रिकेटर कौन है, संजू सैमसन या रुतुराज गायकवाड़? यह सवाल अक्सर क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बना रहता है।
क्रिकेट न्यूज: भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे संजू सैमसन और रुतुराज गायकवाड़, दोनों ही प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं। घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के बावजूद, दोनों को ही भारतीय टीम में लगातार मौके नहीं मिल पाए हैं। हाल ही में, पूर्व भारतीय क्रिकेटर पीयूष चावला से शुभांगकर मिश्रा के साथ एक इंटरव्यू में इसी मुद्दे पर सवाल पूछा गया।
जब पीयूष चावला से पूछा गया कि भारत का सबसे बदकिस्मत क्रिकेटर कौन है, संजू सैमसन या रुतुराज गायकवाड़, तो उन्होंने बड़ी सावधानी से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि दोनों ही उनके अच्छे दोस्त हैं और ऐसे में इस सवाल का जवाब देना उनके लिए मुश्किल है। उन्होंने आगे कहा कि दोनों को ही बदकिस्मत कहना सही नहीं होगा, कई बार टीम संयोजन जैसे कारणों से भी खिलाड़ियों को मौका नहीं मिल पाता है।
शुभांगकर मिश्रा ने जब यह ध्यान दिलाया कि संजू सैमसन को तो दलीप ट्रॉफी के लिए 60 सदस्यीय टीम में भी शामिल नहीं किया गया था, तो पीयूष चावला ने कहा कि यह बात उन्हें भी हैरान करती है। हो सकता है कि चयनकर्ता उन्हें लाल गेंद क्रिकेट के लिए फिट नहीं मानते हों। उन्होंने कहा कि संजू एक असाधारण बल्लेबाज हैं और भारत के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर-बल्लेबाजों में से एक हैं। लेकिन अगर चयनकर्ता उन्हें लाल गेंद क्रिकेट में नहीं देखते हैं, तो इस बारे में ज्यादा सोचने का कोई मतलब नहीं है।
जब उनसे पूछा गया कि एक ऐसे खिलाड़ी को, जिसने मौकों का फायदा उठाया है, दक्षिण अफ्रीका में शतक बनाया है, और जिसकी उम्र भी उसके पक्ष में है, उसे लाल गेंद क्रिकेट में क्यों नहीं आजमाया जा रहा है, तो पीयूष चावला ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में संजू का प्रदर्शन शानदार था। लेकिन इसके बावजूद उन्हें एकदिवसीय टीम से भी बाहर कर दिया गया और टेस्ट टीम में तो उन्हें आजमाया ही नहीं गया। आठ-दस विकेटकीपरों को आजमाने के बाद भी संजू को टेस्ट क्रिकेट में मौका क्यों नहीं दिया गया, यह सवाल उन्होंने भी उठाया।
इस सवाल के जवाब में पीयूष चावला ने कहा कि यह उन्हें नहीं पता और अगर वह कभी चयनकर्ता बने, तो इसका जवाब दे पाएंगे। जब उनसे पूछा गया कि जब आप अच्छा प्रदर्शन करते हैं और आपको लगता है कि आप टीम में जगह बनाने के हकदार हैं, लेकिन फिर भी आपको मौका नहीं मिलता है, तो आप इससे कैसे निपटते हैं, तो उन्होंने कहा कि लोग आपके बारे में बहुत कुछ कहते हैं, लेकिन अंत में आपके पास सिर्फ आपका परिवार होता है। अगर आप हर किसी की बात सुनेंगे, तो इससे आपके और आपके परिवार के लिए परेशानी होगी। इसलिए बेहतर है कि आप अपने खेल पर ध्यान दें और आगे बढ़ते रहें।