भारतीय टीम के खिलाड़ी और पूर्व हेड कोच रहे रवि शास्त्री अपने किस्सों के लिए बहुत मशहूर है। उन्हीं में से एक किस्सा है जब वह पाकिस्तानी खिलाड़ी को मारने के लिए दौड़ गए थे।
स्पोर्ट्स डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच जब भी कोई मुकाबला होता है तो उसमें न सिर्फ दर्शक बल्कि खिलाड़ी भी एकदम जोश में नजर आते हैं और दोनों टीमों के बीच मुकाबला एक अन्य ही लेवल पर पहुंच जाता है। कुछ ऐसा ही मंजर 1987 के दौरान था जब भारत और पाकिस्तान के बीच टेस्ट और वनडे मैच की सीरीज खेली जा रही थी और पाकिस्तान टीम भारत के दौरे पर आई थी। इस मैच में कुछ ऐसा हुआ कि भारतीय खिलाड़ी रवि शास्त्री का गुस्सा इस कदर बढ़ गया कि वह पाकिस्तानी खिलाड़ी को मारने दौड़ गए। चलिए आज हम आपको बताते हैं इस किस्से के बारे में...
1987 भारत-पाकिस्तान सीरीज
1987 में पाकिस्तान की टीम 5 टेस्ट और 6 वनडे मुकाबले खेलने के लिए भारत के दौरे पर आई थी। इस दौरान 20 मार्च 1987 को तीसरा वनडे मैच हैदराबाद में खेला गया। इस मैच में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और भारत ने 44 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 212 रन बनाए थे, जिसमें रवि शास्त्री ने 69 रन और कपिल देव ने 59 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली थी। दूसरी ओर बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तान की टीम ने भी 7 विकेट के नुकसान पर 212 रन बनाए और यह मैच टाई हो गया।
क्यों चढ़ा रवि शास्त्री का पारा
क्रिकेट के उस समय के नियम के अनुसार, अगर कोई मैच टाई होता है और अगर एक टीम के विकेट कम होते थे तो उस टीम को विजेता करार दे दिया जाता है। ऐसे में भारत का एक विकेट कम गिरा था और भारत को इस मैच का विजेता घोषित किया गया, लेकिन इसके बाद पाकिस्तानी खिलाड़ी जावेद मियांदाद चिल्लाते हुए टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में घुस गए और यह कहने लगे कि तुम लोग चीटिंग से जीते हो। इतना सुनकर रवि शास्त्री का पारा चढ़ गया और वह पाकिस्तानी खिलाड़ी को मारने के लिए दौड़ गए और पाकिस्तान के ड्रेसिंग रूप तक पहुंच गए, फिर पाकिस्तानी टीम के कप्तान इमरान खान को बीच बचाव करने आना पड़ा, तब जाकर मामला शांत हुआ।
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