ओलंपिक स्वर्ण के लिये बचा रखी है जगह: सिंधू

Published : Sep 12, 2019, 07:07 PM IST
ओलंपिक स्वर्ण के लिये बचा रखी है जगह: सिंधू

सार

ओलंपिक स्वर्ण लेकर पूछे जाने पर सिंधू ने हसंते हुए कहा, उस स्वर्ण पदक (ओलंपिक) के लिए मेरी कैबिनेट में एक स्थान खाली है। ओलंपिक क्वालीफिकेशन चल रहे हैं और इस जीत से आगे बढ़ने के लिये मेरा आत्मविश्वास बढ़ेगा। 

नई दिल्ली. शीर्ष भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू ने कहा कि विश्व चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदक ने रियो ओलंपिक को छोड़कर पिछले सभी फाइनल में हारने के जख्म को भर दिया है और उन्हें उम्मीद है कि अगले साल तोक्यो में वह इस कमी को भी पूरा कर लेंगी जिसके लिये उन्होंने ट्राफियों की कैबिनेट में एक जगह खाली रखी है। ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधू ने बासेल में अपने लगातार तीसरे फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-7 21-7 से हराकर विश्व चैंपियनशिप का ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता।

इस ऐतिहासिक दिन से पहले 24 साल की इस भारतीय को रियो ओलंपिक, विश्व चैम्पियनशिप (2017, 2018), 2017 दुबई सुपर सीरीज फाइनल्स, 2018 राष्ट्रमंडल खेलों और जकार्ता एशियाई खेलों के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। सिंधू ने कहा, यह (विश्व चैम्पियनशिप स्वर्ण) उन सभी शिकस्त की भरपाई है। लोग फाइनल में हारने के मेरे डर के बारे में बात करते रहे हैं कि फाइनल में मैं कैसे दबाव में आज जाती हूं। लेकिन अब मैं कह सकती हूं कि मैंने अपने रैकेट से जवाब दिया। लेकिन ओलंपिक पूरी तरह से अलग हैं। रियो (ओलंपिक) और विश्व चैम्पियनशिप ने मुझे अलग तरह की यादें दीं। लेकिन हां अभी एक स्वर्ण पदक और जीतना है। इसके लिये निश्चित रूप से मैं कड़ी मेहनत करूंगी और तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने की कोशिश करूंगी। 

ओलंपिक स्वर्ण लेकर पूछे जाने पर सिंधू ने हसंते हुए कहा, उस स्वर्ण पदक (ओलंपिक) के लिए मेरी कैबिनेट में एक स्थान खाली है। ओलंपिक क्वालीफिकेशन चल रहे हैं और इस जीत से आगे बढ़ने के लिये मेरा आत्मविश्वास बढ़ेगा। तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक की डगर काफी कठिन होगी क्योंकि अब उनकी प्रतिद्वंद्वी उनकी कमजोरियों का फायदा उठाने की कोशिश करेंगी और सफलता हासिल करने के लिए उन्हें अपने गेम में कुछ नया करने की जरूरत होगी।

विश्व रैंकिंग में पांचवें स्थान से सिंधू ने ओलंपिक क्वालीफिकेशन में अपना स्थान लगभग पक्का कर दिया है। जब तोक्यो ओलंपिक का ड्रा होगा तो ऊंची रैंकिंग निश्चित रूप से उन्हें शीर्ष खिलाड़ियों से भिड़ंत से बचने में मदद करेगी। इस बारे में सिंधू ने कहा, रैंकिंग मायने रखती है क्योंकि ड्रा इसी पर निर्भर होगा लेकिन मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचती क्योंकि अगर मैं अच्छा खेल सकती हूं तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। और फिर अंत में आपको इन शीर्ष खिलाड़ियों को फिर से हराकर स्वर्ण हासिल करना होगा। 

(नोट- यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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