Australian open 2023: आप अब भी स्टार हो सानिया... आखिरी ग्रैंड स्लैम हारने के बाद रो पड़ी भारतीय टेनिस सेंशेसन

ऑस्ट्रेलियन ओपन 2023 के मिक्स्ड डबल्स के फाइनल मुकाबले में सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना ब्राजील की जोड़ी लुइसा स्टेफनी और राफेल माटोस की से हार गए।

Deepali Virk | Published : Jan 27, 2023 4:21 AM IST / Updated: Jan 27 2023, 09:52 AM IST

स्पोर्ट्स डेस्क : शुक्रवार, 27 जनवरी को ऑस्ट्रेलियन ओपन 2023 के मिक्स्ड डबल का फाइनल मुकाबला हुआ। जिसमें सभी की निगाहें भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा पर थी, क्योंकि ये उनका आखिरी ग्रैंड स्लैम था। लेकिन फाइनल में सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना की जोड़ी ब्राजीलियाई जोड़ी लुइसा स्टेफनी और राफेल माटोस से 6-7, 2-6 से मैच हार गई।

ऐसा रहा मैच

इस मैच की बात की जाए, तो भारतीय जोड़ी सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना सर्विस का शुरुआती ब्रेक गंवाने के बाद अच्छी शुरुआत नहीं हुई। हालांकि, बाद में उन्होंने शुरुआती सेट में 2-2 की बराबरी कर ली। लेकिन बाद में ब्राजीलियाई जोड़ी ने उन्हें 3-2 से पीछे कर दिया। इसके बाद सानिया और बोपन्ना ने एक बार 5-3 की बढ़त ली। इसके बाद ब्राजीलियाई जोड़ी ने मैच स्कोर 5-5 की बराबरी पर कर दिया। भारत ने एक बार फिर 6-5 की बढ़त हासिल की लेकिन ब्राजीलियाई जोड़ी ने 7-6 से यह पहला सेट जीत लिया।

दूसरे सेट में भारतीय जोड़ी रोहन बोपन्ना और सानिया मिर्जा शुरुआत से ही ब्राजीलियाई जोड़ी पर बढ़त नहीं बना पाए ब्राजील के खिलाड़ियों ने पहले 3-1, फिर 4-1 की बढ़त बनाई और इस सेट को 6-2 पर खत्म किया।

अपने आंसू नहीं रोक पाई सानिया

अपने आखिरी ग्रैंड स्लैम में जीत हासिल नहीं कर पाने का दुख सानिया मिर्जा के चेहरे पर साफ नजर आया और मैच हारने के बाद वह इमोशनल होती भी नजर आईं। स्पीच के दौरान उनकी आंखें नम हो गई। जिसका वीडियो भी शेयर किया गया है। इस दौरान सानिया ने स्पीच देते हुए कहा कि "मुझे अभी कई टूर्नामेंट खेलने हैं, मगर मेरे प्रोफेशनल करियर की शुरुआत यहां मेलबर्न से हुई थी। धन्यवाद मुझे यहां घर जैसा महसूस कराने के लिए..."

 

 

ऐसा रहा सानिया मिर्जा का करियर

भले ही सानिया मिर्जा अपने आखिरी ऑस्ट्रेलियाई ओपन को जीत के साथ खत्म नहीं कर पाई। लेकिन वह 6 बार ग्रैंड स्लैम हासिल कर चुकी हैं। उन्होंने 1999 में विश्व जूनियर टेनिस चैम्पियनशिप से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने  43 डब्ल्यूटीए खिताब जीते और लंबे समय तक सानिया महिला युगल रैंकिंग में पहले नंबर पर भी रही थी। हालांकि, अपने करियर के आखिरी ग्रैंड स्लैम में वह एक कदम से जीत से चूक गई।

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