
Hans Niemann Chess Federation Controversy: अमेरिकी शतरंज ग्रैंडमास्टर हंस मोको नीमन के एक ट्वीट ने सोशल मीडिया पर अमेरिकी शतरंज महासंघ की हकीकत बयां कर दी है। दरअसल, इस ग्रैंडमास्टर ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया और बताया कि अमेरिकी शतरंज महासंघ अपने खिलाड़ियों को परेशान करता है। वहीं, भारतीय सरकार और शतरंज महासंघ अपने खिलाड़ियों को सुपरस्टार की तरह देखती हैं। आइए आपको बताते हैं इस शतरंज ग्रैंडमास्टर के वायरल पोस्ट के बारे में...
X पर अमेरिकी शतरंज ग्रैंडमास्टर ने पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने लिखा- भारत सरकार और शतरंज महासंघ अपने खिलाड़ियों को सुपरस्टार की तरह मानते हैं। कम उम्र से ही उनके डेवलपमेंट में मदद करते हैं और उनकी जीत पर उन्हें पुरस्कार भी देते हैं, जबकि अमेरिकी शतरंज महासंघ अपने ही खिलाड़ियों को नुकसान पहुंचाता है, इसके रिजल्ट 5 से 10 सालों में आपको साफ दिखने लगेंगे। सोशल मीडिया पर हंस का ये पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है और 275000 से ज्यादा लोग इस पोस्ट को देख चुके हैं। हंस के इस गंभीर आरोप के बाद अमेरिकी चेस फेडरेशन की नींद उड़ गई है। बता दें कि भारत में चेस के माहौल और सरकार की खिलाड़ियों को मदद तेजी से बढ़ रही है, प्रगननन्दा, आर. वैश्याली, विदित गुजराती, कोनेरु हम्पी जैसे खिलाड़ी आज ग्लोबल सुपरस्टार बन चुके हैं।
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हंस मोको नीमन एक अमेरिकी ग्रैंडमास्टर और शतरंज स्ट्रीमर हैं, जिनका जन्म सन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में हुआ। 7 साल की उम्र में वह नीदरलैंड चले गए, जहां पर उन्होंने शतरंज खेलना शुरू किया और धीरे-धीरे शतरंज में वो आगे बढ़े और वापिस अमेरिका लौट आए। फिर वो अमेरिका के लिए नेशनल शतरंज खेलने लगे। 2016 में उन्होंने FIDE मास्टर का खिताब अपने नाम किया था। इसके अलावा 2024 स्पीड शतरंज चैंपियनशिप के वो सेमी फाइनलिस्ट भी रहे, जहां उन्होंने ग्रैंडमास्टर मैक्सिम वाचियर-लाग्रेव और वेस्ली सो को हराया था, लेकिन फाइनल में कार्लसन से हार गए थे।