रेल हादसे से पैरालिंपिक गोल्ड तक: नितेश कुमार की यात्रा पर हर किसी को गर्व

Published : Sep 03, 2024, 11:24 AM IST
रेल हादसे से पैरालिंपिक गोल्ड तक: नितेश कुमार की यात्रा पर हर किसी को गर्व

सार

पेरिस पैरालिंपिक 2024 में बैडमिंटन पुरुष एकल SL3 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर नितेश कुमार ने इतिहास रचा। एक रेल हादसे में अपना पैर गंवाने के बाद, उन्होंने विराट कोहली से प्रेरणा लेकर यह मुकाम हासिल किया।

पेरिस पैरालिंपिक 2024 में बैडमिंटन पुरुष एकल SL3 वर्ग के फाइनल मुकाबले में भारत के नितेश कुमार ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। इंग्लैंड के डेनियल बेथेल के खिलाफ खेले गए इस मुकाबले में नितेश ने 21-14, 18-21, 23-21 से जीत दर्ज की। एक भयानक रेल हादसे का शिकार हुए नितेश कुमार ने क्रिकेट के दिग्गज और भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली की फिटनेस और अदम्य भावना से प्रेरणा लेकर यह मुकाम हासिल किया है।

 

साल 2009 में जब नितेश कुमार महज 15 साल के थे, तब विशाखापत्तनम में एक रेल हादसे में उन्होंने अपना दाहिना पैर गंवा दिया था। इस हादसे के बाद उन्हें कई महीनों तक बिस्तर पर ही रहना पड़ा था। इस हादसे के बाद शायद ही किसी ने सोचा होगा कि एक दिन नितेश बैडमिंटन खिलाड़ी बनेंगे।

लेकिन नितेश ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी इस कमी को अपनी ताकत बनाया और खेल में अपना ध्यान केंद्रित किया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान उन्हें बैडमिंटन का शौक हुआ। इसके बाद वह पुणे के एक आर्टिफिशियल लिम्ब सेंटर गए, जहाँ उन्होंने देखा कि कैसे दिव्यांग खिलाड़ी खुद को तैयार करते हैं।

 

इसके बाद, 2016 में उन्होंने हरियाणा टीम के साथ पैरा नेशनल चैंपियनशिप में भाग लिया। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली को नितेश कुमार अपना आदर्श मानते हैं। कोहली की कड़ी मेहनत, चुनौतियों का सामना करने की क्षमता और सकारात्मक दृष्टिकोण से नितेश काफी प्रभावित हैं। विराट कोहली, नितेश कुमार के रोल मॉडल हैं और उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

इस बारे में नितेश कुमार कहते हैं- मैं विराट कोहली की बहुत इज्जत करता हूँ। उन्होंने खुद को एक बेहतरीन एथलीट बनाया है। 2013 से पहले वह कैसे थे और आज कैसे हैं, यह देखकर पता चलता है कि वह कितने फिट और अनुशासित हैं। नौसेना अधिकारी के बेटे, नितेश कुमार ने एक बार कहा था कि वह वर्दी पहनना चाहते थे।

 

पैरालिंपिक में पुरुष एकल SL3 वर्ग में नितेश कुमार की स्वर्ण पदक जीत भारतीय बैडमिंटन के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। नितेश ने न सिर्फ खेल बल्कि पढ़ाई में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होंने आईआईटी मंडी से ग्रेजुएशन किया है। वह वर्तमान में हरियाणा में खेल एवं युवा मामले विभाग में सीनियर बैडमिंटन कोच के पद पर कार्यरत हैं। वह अपने खाली समय में संगीत सुनना, गाड़ी चलाना और खेल देखना पसंद करते हैं।

PREV

Recommended Stories

हरमनप्रीत कौर vs पीवी सिंधु: संपत्ति के मैदान में कौन खिलाड़ी सबसे आगे?
Vinesh Phogat Reverses Retirement: विनेश फोगाट का संन्यास से यू-टर्न, अगले ओलंपिक के लिए हैं तैयार