पैरालंपिक्स खेलकूद में बैडमिंटन में भारत को दो और पदक पक्के हो गए हैं। कन्नडिगा आईएएस अधिकारी सुहास ने फाइनल में प्रवेश कर लिया है और टोक्यो पैरालंपिक्स फाइनल में मिली हार का बदला लेने के लिए तैयार हैं।
पेरिस: इस बार पैरालंपिक्स में भारत के लिए दो और पदक पक्के हो गए हैं। रविवार को बैडमिंटन में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 3 पदक पक्के कर लिए हैं। सोमवार को इन वर्गों के मुकाबले खेले जाएंगे, जहां शटलर देश के पदक खाते में स्वर्णिम गौरव बढ़ाने की उम्मीद करेंगे। हालांकि निशानेबाजी और एथलेटिक्स में रविवार को भारत को निराशा हाथ लगी।
टोक्यो में रजत पदक जीतने वाले आईएएस अधिकारी सुहास
2007 बैच के आईएएस अधिकारी सुहास वर्तमान में उत्तर प्रदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने पिछले टोक्यो पैरालंपिक्स में एसएल4 वर्ग में रजत पदक जीता था। वह लगातार 2 पैरा गेम्स में पदक जीतने का कारनामा कर चुके हैं। इस बार उनकी नजरें स्वर्ण पदक पर टिकी हैं और उनका सामना फ्रांस के लुकास माजुर से होगा। पिछली बार फाइनल में भी सुहास का सामना लुकास से हुआ था, जहां लुकास ने बाजी मारी थी। अब लुकास से हार का बदला लेने का मौका सुहास के पास होगा।
बैडमिंटन के पुरुष एकल एसएल3 वर्ग में नीतेश कुमार ने फाइनल में प्रवेश किया। विश्व चैंपियनशिप और पैरा एशियाई खेलों के पदक विजेता 29 वर्षीय नीतेश ने रविवार को खेले गए सेमीफाइनल में जापान के डायसुके फुजीहारा को 21-16, 21-12 से हराया। इसके साथ ही उन्होंने फाइनल में जगह बना ली है और कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया है।
आईआईटी स्नातक नीतेश का सामना सोमवार को होने वाले स्वर्ण पदक के मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल से होगा। टोक्यो ओलंपिक के फाइनल में भारत के प्रमोद भगत से हारकर रजत पदक जीतने वाले बेथेल ने इस बार सेमीफाइनल में थाईलैंड के बुनसून मोंगखोन को 21-7, 21-9 से हराया।
आज कांस्य पदक के लिए शिवराजन-नित्या की भिड़ंत
बैडमिंटन के मिश्रित युगल एसएच6 वर्ग में सोमवार को शिवराजन और नित्या की जोड़ी कांस्य पदक के मुकाबले में उतरेगी। रविवार को खेले गए सेमीफाइनल में भारतीय जोड़ी को अमेरिका की जोड़ी के खिलाफ 21-17, 14-21, 13-21 से हार का सामना करना पड़ा। कांस्य पदक के मुकाबले में उनका सामना इंडोनेशिया के सुभान-रीना की जोड़ी से होगा।