डोपिंग टेस्ट में फेल होने पर पॉल पोग्बा फुटबॉल से निलंबित, जानें क्या है विवाद

डोपिंग टेस्ट में फेल होने के चलते फुटबॉलर पॉल पोग्बा को खेल से निलंबित (Paul Pogba suspended from football) कर दिया गया है। इटली के नेशनल एंटी-डोपिंग ट्रिब्यूनल ने यह फैसला सुनाया।

खेल डेस्क। फुटबॉल पॉल पोग्बा को डोपिंग टेस्ट में फेल होने के चलते खेल से निलंबित कर दिया गया है। इटली के नेशनल एंटी-डोपिंग ट्रिब्यूनल ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। इस फैसले से प्रतिभाशाली मिडफील्डर के खेल करियर पर बड़ा सवाल पैदा हो गया है।

20 अगस्त को जुवेंटस ने 3-0 से उडिनीस को मात दी थी। इस मैच में पोग्बा को बेंच पर ही रखा गया। उन्हें पिच पर नहीं भेजा गया। इसके बाद से पोग्बा के भविष्य को लेकर उनके फैन्स चिंतित थे। अब सोमवार को उन्हें निलंबित करने का फैसला आया है।

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पोग्बा के सैंपल में मिली टेस्टोस्टेरोन की अधिक मात्रा
डोप टेस्ट के लिए लिए गए पोग्बा के सैंपल में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा अधिक थी। यह स्वीकार्य स्तर से काफी ज्यादा था, जिसके चलते पोग्बा पर खेलने से प्रतिबंध लगाया गया है। दरअसल टेस्टोस्टेरोन एक हार्मोन है। यह टेस्टोस्टेरोन इंसान का शरीर खुद भी बनाता है। यह इंसान की सहनशक्ति बढ़ाता है। इसके चलते इंसान जोश में काम कर पाता है।

हर व्यक्ति के शरीर में टेस्टोस्टेरोन खुद बनता है। इस हार्मोन के बिना इंसान का विकास नहीं हो सकता। कई बार ऐसा भी होता है कि खेल के दौरान अधिक ऊर्जा पाने के लिए एथलीट ऐसे ड्रग्स लेते हैं जिससे टेस्टोस्टेरोन बढ़ जाए। इसकी इजाजत नहीं है। यही कारण है कि डोपिंग टेस्ट के दौरान टेस्टोस्टेरोन मानक स्तर से अधिक पाए जाने पर खिलाड़ी को खेलने से रोका जाता है। टेस्टोस्टेरोन अधिक पाए जाने के चलते पोग्बा को तत्काल एहतियात के तौर पर निलंबित कर दिया गया।

एनएडीओ इटालिया ने कहा- आवश्यक था पोग्बा का निलंबन
एनएडीओ इटालिया ने इस मामले को लेकर बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि नेशनल एंटी-डोपिंग ट्रिब्यूनल के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए एथलीट पॉल लैबाइल पोग्बा को निलंबित किया गया है। यह निर्णय खेल की अखंडता को बनाए रखने और डोपिंग रोधी नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक था।

ट्रिब्यूनल ने बताया पोग्बा ने लिया था टेस्टोस्टेरोन
ट्रिब्यूनल ने बताया है कि पोग्बा के शरीर में ऐसे टेस्टोस्टेरोन (non-endogenous testosterone metabolites) की अधिक मात्रा का पता चला है जिसे शरीर खुद नहीं बनाता। इससे पता चलता है कि उनके शरीर में यह किसी बाहरी स्रोत से पहुंचा। पोग्बा के साथ न्याय हो यह तय करने के लिए उनके दूसरे नमूने का भी टेस्ट किया जाएगा। दूसरे सैंपल की जांच में भी अगर प्रतिबंधित टेस्टोस्टेरोन मेटाबोलाइट्स पाए जाते हैं तो उनका निलंबन जारी रहेगा। अगर रिपोर्ट निगेटिव आई तो पहले के सैंपल की जांच के नतीजे को अमान्य माना जाएगा। इससे फुटबॉल में पोग्बा के भविष्य के लिए आशा की किरण दिखाई देगी।

एथलीट पर भारी पड़ता है डोपिंग टेस्ट में फेल होना
डोपिंग टेस्ट में फेल होने पर एथलीट को गंभीर नजीते भुगतने होते हैं। अगर यह पाया गया कि एथलीट ने जानबूझकर प्रतिबंधित पदार्थों का इस्तेमाल किया है तो उसे खेल से चार साल के लिए निलंबित तक कर दिया जाता है।

प्रतिबंधित किए जाने से पहले पोग्बा ने एम्पोली के खिलाफ मैच खेला था। वह थोड़े समय के लिए मैदान में गए। इस दौरान उन्हें पीठ में चोट लगी, जिसके कारण उन्हें बेंच पर लौटना पड़ा था। इसपर जुवेंटस के मैनेजर मासिमिलियानो एलेग्री ने कहा था कि पोग्बा को पीठ में दर्द हुआ है। हम देखेंगे कि टेस्ट क्या कहती है। पोग्बा को चोट लगना बहुत बुरा है। मैदान में उनकी उपस्थिति टीम के लिए अच्छी थी।

बता दें कि डोपिंग टेस्ट में फेल होने के बाद फुटबॉल से पॉल पोग्बा के निलंबन ने खेल जगत को सदमे में डाल दिया है। फुटबॉल समुदाय की उत्सुकता 'बी' सैंपल के टेस्ट को लेकर है। इसका रिजल्ट इस प्रतिभाशाली मिडफील्डर के खेल करियर के लिए अहम साबित होगा।

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