उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स में ऐसा क्या चल रहा कि मीडिया के सामने फूट-फूट कर रो पड़ीं उड़न परी?

इंटरनेशनल ओलंपिक एसोसिएशन की प्रमुख पीटी उषा (PT Usha) को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा कि वे फूट-फूट कर रो पड़ीं। उड़न परी के नाम से मशहूर पीटी उषा के साथ ऐसा क्या हुआ जो वे इस कदर टूट पड़ीं।

 

Manoj Kumar | Published : Feb 5, 2023 4:36 AM IST

PT Usha Latest News. इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की प्रमुख पीटी उषा को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा कि वे फूट-फूट कर रो पड़ीं। उड़न परी के नाम से मशहूर पीटी उषा के साथ ऐसा क्या हुआ जो वे इस कदर टूट पड़ीं। माना जा रहा है कि इसके पीछे उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स में हो रही गुंडागर्दी और अतिक्रमण मुख्य वजह है। इस तरह की घटनाओं से आहत पीटी उषा रो पड़ीं।

मीडिया के सामने ब्रेक डाउन
भारत की महान एथलीट और वर्तमान भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा केरल में अपनी अकादमी में और उसके आसपास हो अवैध अतिक्रमण से परेशान दिखीं। उन्होंने अकादमी में चल रही गुंडागर्दी और अतिक्रमण की समस्या का दावा किया और मीडिया के सामने ही रो पड़ीं। नई दिल्ली में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए पीटी उषा ने आरोप लगाया कि केरल के बालूसेरी में उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स में गुंडागर्दी के दम पर अतिक्रमण किया जा रहा है। उनकी पीड़ा ऐसी रही कि वे मीडिया के सामन बात करते-करते ही ब्रेक डाउन कर बैठीं।

सुरक्षा की मांग भी की
पीटी उषा ने कहा कि वे उन्होंने केरल सरकार से अपनी अकादमी में प्रशिक्षण लेने वाली महिला एथलीट्स के लिए पर्याप्त सुरक्षा की मांग की है। उषा ने कहा कि अकादमी में इस तरह की हरकतें काफी समय से हो रही हैं। कई बार मामले की शिकायत भी की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। राज्यसभा सांसद पीटी उषा ने यह भी आरोप लगाया कि अक्सर उस जगह पर नशीले पदार्थों का सेवन किया जा रहा है, जिस पर तत्काल रोक लगाने की आवश्यकता है। पीटी उषा ने कहा कि एक बार उनकी अकादमी के बगल में शादी का आयोजन किया गया तो उसका कूड़ा अकादमी परिसर में फेंक दिया गया।

शिकायत करने पर क्या हुआ
पीटी उषा ने कहा कि जब उन्होंने इस तरह की घटनाओं की शिकायत सीएम पिनाराई विजयन से की तो स्कूल की सड़क के पास लाल झंडा लगा दिया गया। उन्होंने कहा कि पता नहीं कौन लोग हैं और क्यों ऐसा कर रहे हैं। स्थानीय पंचायत और प्रशासन की भी मौन स्वीकृति दिखती है। पीटी उषा ने कहा कि इस जगह से दो ओलंपियन और कई पदक विजेता निकले हैं। हम एथलीट्स की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं। कुल 25 बच्चों में से 11 उत्तर भारतीय हैं और कुछ एडमिशन होने वाले हैं

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