Chess Revolution in J&K: कॉमवेल्थ चैंपियनशिप में सोहम के गोल्ड जीतने से बढ़ा शतरंज का क्रेज

जम्मू कश्मीर के रहने वाले सोहम कमोत्रा ने अंडर-18 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। इस युवा खिलाड़ी की जीत ने जम्मू कश्मीर के हजारों युवाओं के भीतर शतरंज के लिए मानों दिवानगी पैदा कर दी है

Manoj Kumar | Published : Feb 17, 2023 7:35 AM IST / Updated: Mar 02 2023, 10:26 AM IST

Chess Revolution in J&K. जम्मू कश्मीर के रहने वाले सोहम कमोत्रा ने अंडर-18 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। इस युवा खिलाड़ी की जीत ने जम्मू कश्मीर के हजारों युवाओं के भीतर शतरंज के लिए मानों दिवानगी पैदा कर दी है। मौजूदा वक्त में अंडर-18 चैंपियन सोहम कमोत्रा अकेले युवा नहीं हैं, जो शतरंज के खेल में दिमागी कसरत कर रहे हैं बल्कि हजारों युवा शतरंज खेल रहे हैं। सोहम खुद कहते हैं कि जब उन्होंने चेस खेलना शुरू किया तो बहुत कम खिलाड़ी थे लेकिन आज शतरंज खिलाड़ी बनने के लिए कई युवा आगे आए हैं जिससे यह खेल लोकप्रिय हो गया है।

6 बार के स्टेट चैंपियन

सोहम कमोत्रा छह बार के राज्य स्तरीय चैंपियन हैं। उन्होंने मात्र 9 साल की उम्र में अपने बड़े भाई और पिता के साथ शतरंज की प्रैक्टिस शुरू की। धीरे-धीरे इस खेल ने उनके अंदर जूनू पैदा कर दिया और वे शतरंज में महारत हासिल करते चले गए। धीरे-धीरे सफलता उनके हाथ लगी। पहले राज्य स्तर पर फिर नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर सफलता ने सोहम के कदम चूमे। 2022 में वे अंडर-18 आयु वर्ग में कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में सोहम ने गोल्ड मेडल जीता। इस वर्ग में उन्होंने एशियाई स्तर पर सिल्वर मेडल भी जीता। अब ऐसी ही दिवानगी जम्मू कश्मीर के हजारों युवाओं में देखी जा रही है।

क्या कहते हैं सोहम

सोहम कहते हैं कि सफलता के साथ आगे बढ़ने की स्वाभाविक भावना आती है। उनकी सफलता ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत ख्याति दिलाई बल्कि उन्हें यह भी लगा कि वे अपने साथियों को इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। सोहम कहते हैं कि जब मेरे दोस्त मुझे बताते हैं कि मैं यहां का सबसे अच्छा खिलाड़ी हूं और वे भी खेलना पसंद करते हैं तो मुझे अच्छा अहसास होता है। शुरुआती वर्षों में सोहम को ट्रेनिंग देने वाले विवेक भारती ने कहा कि पहले मेरे पास केवल सोहम और मीनल ही आते थे। जब उन्होंने सफलता हासिल की तो दूसरे पैरेंट्स भी अपने बच्चों को ट्रेनिंग के लिए मुझसे संपर्क कर रहे हैं।

300 रजिस्टर्ड खिलाड़ी

जम्मू-कश्मीर शतरंज संघ के अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता कहते हैं कि यहां धीरे-धीरे युवाओं का झुकाव शतरंज की तरफ हो रहा है। उन्होंने कहा कि पहले यहां ज्यादा खिलाड़ी नहीं खेलते थे लेकिन धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है। मुझे अगले दो से तीन वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश में शतरंज की क्रांति दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में इस वक्त शतरंज के 11 सेंटर चल रहे हैं। इनमें करीब 300 रजिस्टर्ड खिलाड़ी हैं जबकि गैर-पंजीकृत खिलाड़ियों की संख्या 10,000 के पार है। अतुल गुप्ता ने कहा कि उन्होंने कहा कि शतरंज को लोकप्रिय बनाने के लिए स्थानीय संघ ने सक्रिय प्रयास किए हैं। खेल को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए जेके चेस एसोसिएशन नियमित रूप से यूटी के दूरस्थ क्षेत्रों में भी शतरंज प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। उन्होंने कहा कि हम भारतीय सेना के समर्थन से तंगधार तक जाते हैं।

साभार- आवाज द वॉयस

यह भी पढ़ें

स्टिंग ऑपरेशन की वजह से चेतन शर्मा के साथ हो गया 'खेल', चीफ सेलेक्टर पद से देना पड़ा इस्तीफा

 

Share this article
click me!