बिहार चुनाव 2025: निर्वाचन आयोग ने नियुक्त किए 470 केंद्रीय पर्यवेक्षक, तारीख की घोषणा कब होगी?

Published : Sep 28, 2025, 05:22 PM IST
Election Commission Bihar

सार

Bihar Election 2025: निर्वाचन आयोग ने 470 अधिकारियों को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया। 4-5 अक्टूबर को मुख्य चुनाव आयुक्त पटना दौरे पर होंगे। जानें चुनाव की तैयारी, तारीखों की घोषणा और उपचुनाव का पूरा विवरण।

Bihar Assembly Election Date: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का इंतजार जारी है, लेकिन चुनाव आयोग की तैयारी पूरी तरह जोरों पर है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार अक्टूबर के पहले सप्ताह में पटना का दौरा करेंगे और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे। इस बीच, निर्वाचन आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। बिहार चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए देशभर से 470 वरिष्ठ अधिकारियों को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया। इसमें 320 आईएएस, 60 आईपीएस और 90 अन्य वरिष्ठ सेवा अधिकारी शामिल हैं। ये अधिकारी सीधे चुनाव आयोग की निगरानी में काम करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि चुनाव शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो।

केंद्रीय पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी क्या होगी?

इन अधिकारियों का मुख्य काम है चुनाव में किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकना और मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक करना। इसके अलावा, ये स्थानीय चुनौतियों और मतदान प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं को हल करने में भी मदद करेंगे। चुनाव आयोग का कहना है कि इनकी तैनाती से चुनाव की विश्वसनीयता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी। बिहार के साथ-साथ कई अन्य राज्यों में होने वाले उपचुनाव भी इन पर्यवेक्षकों की निगरानी में संपन्न होंगे। इनमें जम्मू-कश्मीर (बडगाम और नगरोटा), राजस्थान (अंता), झारखंड (घाटशिला), तेलंगाना (जुबली हिल्स) और पंजाब की एक सीट शामिल है।

बिहार दौरे से क्या संकेत मिल रहे हैं?

मुख्य चुनाव आयुक्त और दोनों आयुक्त 4 और 5 अक्टूबर को पटना दौरे पर रहेंगे। इस दौरे में वे राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकर चुनाव की तैयारियों का जायजा लेंगे। इससे पहले 3 अक्टूबर को नई दिल्ली में सभी पर्यवेक्षकों की बैठक होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इन दौरों और बैठकों के बाद किसी भी दिन बिहार चुनाव की तारीखों की घोषणा की जा सकती है।

क्या चुनाव आयोग का उद्देश्य केवल तारीख की घोषणा है?

नहीं। आयोग का कहना है कि उसकी पहली प्राथमिकता चुनाव की निष्पक्षता और विश्वसनीयता बनाए रखना है। यही कारण है कि इतनी बड़ी संख्या में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है। आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि चुनाव प्रक्रिया पर हर समय सख्त निगरानी रखी जाए और मतदाता बिना किसी डर के मतदान कर सकें।

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