
Jeevika Didi Salary Hike: बिहार में महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए नीतीश कुमार सरकार ने 2006 में विश्व बैंक से ऋण लेकर जीविका परियोजना की शुरुआत की थी। आज राज्य की करीब 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदियां स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर आत्मनिर्भर बन चुकी हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर जानकारी दी कि स्वयं सहायता समूहों को अब 3 लाख रुपये से अधिक के बैंक ऋण पर सिर्फ 7 प्रतिशत ब्याज देना होगा। पहले इस पर 10 प्रतिशत ब्याज लगता था। इस फैसले से जो 3 प्रतिशत ब्याज कम हुआ है, उसे राज्य सरकार खुद वहन करेगी। इस राहत से जीविका दीदियों की आय बढ़ेगी और उनका जीवन स्तर सुधरेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीविका से जुड़े करीब 1 लाख 40 हजार कर्मी प्रशासनिक, प्रशिक्षण व अन्य कार्य करते हैं। इनके काम को देखते हुए राज्य सरकार ने इनके मानदेय को दोगुना करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से जीविका कर्मियों का उत्साह बढ़ेगा और संगठन बेहतर ढंग से काम कर सकेगा। नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमेशा प्रयासरत है। जीविका दीदियों के लिए ब्याज दरों में कमी और कर्मियों के मानदेय में वृद्धि से राज्य में महिला सशक्तीकरण को नई ऊर्जा मिलेगी।
जीविका में सीसी को 25000 रुपए प्रतिमाह वेतन मिलता है।
"जीविका" बिहार सरकार की एक पहल है। जीविका - ग्रामीण आजीविका परियोजना, विश्व बैंक द्वारा सहायता प्राप्त बिहार सरकार की एक परियोजना है।
जीविका दीदियों को हर माह 20,000 रुपए मिलता है।
जीविका से लोन लेने पर 12% ब्याज दर दिया जाता है।
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