
Bihar News: आत्मनिर्भर भारत अभियान से इंस्पायर होकर वार्ड नंबर 2, ठाकुरगंज नगर के निवासी जैमिनी कृष्णा ने अपने सपनों को नया रूप दिया। 20 लाख रुपये सालाना पैकेज वाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब छोड़कर ऑर्गेनिक ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू कर दी, उससे लाखों रुपये की कमाई भी हो रही है। वह युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के साथ एग्रीकल्चर सेक्टर में काम करने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।
कोरोना काल में लिया बड़ा फैसला
कोविड महामारी के दौरान जब दुनिया ठहर सी गई थी, जैमिनी ने कुछ नया करने का संकल्प लिया। उन्होंने क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों से प्रेरणा लेकर ढाई एकड़ जमीन पर ड्रैगन फ्रूट की ऑर्गेनिक खेती शुरू की। आज वह इस खेती को चार एकड़ से अधिक क्षेत्र में विस्तार दे चुके हैं। जैमिनी की मेहनत को बीएयू, सबौर द्वारा किसान सम्मान समारोह में भी सराहा गया। उनकी कहानी अब उन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है, जो शहरी नौकरी छोड़ गांव में कुछ अलग करने का जज़्बा रखते हैं।
जैविक खाद तैयार करने की अनोखी तकनीक अपनाई
जैमिनी ने ड्रैगन फ्रूट की पूरी तरह ऑर्गेनिक खेती करने के लिए गुजरात से एन एरोबिक बैग मंगवाया। खेत में विशेष कंक्रीट स्ट्रक्चर बनवाया। जिसमें गुड़, गोबर, मट्ठा और सब्जियों के अवशेषों को मिलाकर लिक्विड जैविक खाद तैयार की जाती है। यह खाद 15 दिन में तैयार हो जाती है, और रोजाना 300 लीटर खाद का उपयोग किया जाता है।
कटहल की खेती में भी नवाचार
अब जैमिनी ने बारहमसिया कटहल की खेती भी शुरू कर दी है, ताकि सालभर इसकी आपूर्ति हो सके। इससे वे न केवल आमदनी बढ़ा रहे हैं, बल्कि फार्मिंग मॉडल को भी विविधता दे रहे हैं। जैमिनी के फार्म पर दर्जनों युवाओं को जॉब मिला है। उनका मकसद गांव के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है ताकि शहरों की ओर पलायन रोका जा सके। जैमिनी कहते हैं कि, "मेरा सपना है कि नेचुरल फॉर्मिंग के ज़रिए गांवों को मजबूत बनाया जाए। युवा शहरों पर निर्भर न रहें, बल्कि अपने खेतों में भविष्य तलाशें।"
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