
Bihar Chunav 2025 Narkatiaganj Seat: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। चुनाव आयोग द्वारा इस समय मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण (SIR) का कार्य तेजी से किया जा रहा है। मतदाता सूची अपडेट होने के बाद विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी। बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में नौ विधानसभा सीटें हैं। इनमें नरकटियागंज विधानसभा सीट भी शामिल है।
राजधानी पटना से लगभग 280 किलोमीटर दूर स्थित यह विधानसभा सीट वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। इसके पश्चिम में रामनगर, दक्षिण में लौरिया और उत्तर में भारत-नेपाल सीमा है। नरकटियागंज जंक्शन बरौनी-गोरखपुर रेलखंड पर स्थित एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यहां के लोगों की आय का मुख्य स्रोत खेती-बाड़ी है। कुछ लोग अपना खुद का व्यवसाय भी करते हैं और बड़ी संख्या में लोग दूसरे राज्यों में मजदूरी करते हैं।
नरकटियागंज विधानसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो यह सीट 2008 में परिसीमन के बाद बनी थी। तब से अब तक यहां चार चुनावों 2010, 2014 (उपचुनाव), 2015 और 2020 में वोट डाले गए हैं। इन चार में से तीन चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली है। 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार और लालू यादव के गठबंधन की वजह से कांग्रेस के विनय वर्मा ने बीजेपी की रेणु देवी को हराया था। 2010 में हुए पहले चुनाव में बीजेपी के सतीश चंद्र दुबे ने कांग्रेस के आलोक प्रसाद वर्मा को 20,228 वोटों से हराया था। 2014 के उपचुनाव में बीजेपी की रश्मि वर्मा ने कांग्रेस के फखरुद्दीन खान को हराया था। 2015 में कांग्रेस के विनय वर्मा ने बीजेपी उम्मीदवार रेणु देवी को हराया था और विधायक बने थे इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2,86,977 है। इनमें से पुरुष मतदाता 1,52,568 और महिला मतदाता 1,34,396 हैं। 13 ट्रांसजेंडर मतदाता भी हैं।
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नरकटियागंज विधानसभा की जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। नरकटियागंज विधानसभा की आम जनता भ्रष्टाचार से त्रस्त है। जनता को प्रखंड, अनुमंडल और थाने, हर जगह अधिकारियों को रिश्वत देनी पड़ती है। विभागों में घोटाले और धोखाधड़ी आम बात हो गई है। इस बार जनता नरकटियागंज विधानसभा में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर मतदान करेगी। नरकटियागंज विधानसभा शिक्षा और स्वास्थ्य से कोसों दूर है। इस क्षेत्र में न तो कोई उचित अस्पताल है और न ही कोई कॉलेज। बच्चों के लिए खेल का मैदान भी नहीं है। नगर परिषद के 25 वार्ड और 24 पंचायतें हैं, फिर भी यहां केवल एक ही थाना है - शिकारपुर थाना। बरसात के मौसम में पहाड़ी नदियाँ ग्रामीण इलाकों में तबाही मचाती हैं। ग्रामीण क्षेत्र अभी भी बाढ़ और कटाव से परेशान हैं।
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