
Pakistani Terrorists Entered in Bihar: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मतदाता अधिकार यात्रा बिहार में चल रही है। इस बीच, पाकिस्तान ने बिहार को दहलाने की साजिश रची है। इसके लिए उसने नेपाल के रास्ते तीन आतंकियों को बिहार में घुसपैठ कराई है। बिहार पुलिस ने बताया कि ये तीनों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के हैं। जो पाकिस्तान के रहने वाले हैं। ये आतंकी नेपाल के रास्ते बिहार में घुसे हैं। इनका मकसद राज्य में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना है। वहीं, पुलिस मुख्यालय ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। इसा बीच ज्ञान की नगरी गयाजी से एक बड़ी खबर आई है। गयाजी के महाबोधि मंदिर पर एक ड्रोन गिरने से हड़कंप मच गया। अचानक हुई इस घटना से वहां मौजूद कर्मचारी सहम गए। आइए जानते हैं महाबोधि मंदिर में कहां और और कैसे आया ड्रोन। साथ ही ये भी जानेंगे कि बिहार में कब-कब हुए हैं आतंकि हमला।
जानकारी के मुताबिक, महाबोधी मंदिर परिसर में ड्रोन गिरने की घटना बुधवार (27 अगस्त) दोपहर बाद की है। इसकी जानकारी मिलते ही मंदिर के पुजारी और बौद्ध भिक्षु वहां पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह ड्रोन उनका है, जिसे वे परिसर में उड़ा रहे थे। बता दें कि महाबोधि मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है। 2013 में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे इलाके को नो-फ्लाई ज़ोन घोषित कर दिया गया था। नियमों के मुताबिक, महाबोधि मंदिर और बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति के कार्यालय समेत आसपास के इलाकों में ड्रोन उड़ाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके बाद भी इस तरह की घटना को अंजाम देना महाबोधि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि महाबोधि मंदिर की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी सभी आने वाले पर्यटकों की गहन जांच के बाद ही मंदिर में प्रवेश देते हैं, फिर ड्रोन मंदिर परिसर में कैसे पहुंच गया? क्या महाबोधि मंदिर के पुजारियों और बौद्ध भिक्षुओं के लिए कोई अलग नियम या कानून है, जिसे सुरक्षाकर्मियों ने नज़रअंदाज़ कर दिया? या फिर मंदिर के पुजारियों और बौद्ध भिक्षुओं को विशेष छूट दी गई थी? अब देखना यह है कि बीटीएमसी और जिला प्रशासन इस घटना पर क्या कार्रवाई करता है।
बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में एक के बाद एक कई बम विस्फोट हुए। इन हमलों में 2 बौद्ध भिक्षुओं सहित 5 लोग घायल हो गए। इस हमले के पीछे इंडियन मुजाहिदीन और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) जैसे आतंकवादी संगठनों का हाथ था।
पटना के गांधी मैदान में भाजपा की एक रैली के दौरान, नरेंद्र मोदी (जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे) के भाषण से पहले और बाद में कई बम धमाके हुए। इस हमले में 6 लोगों की मौत हो गई। लगभग 89 लोग घायल हुए। ये धमाके पटना के गांधी मैदान और पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर हुए। इस आतंकी हमले को भी इंडियन मुजाहिदीन ने अंजाम दिया था।
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7 जुलाई 2013 को बोधगया में हुए बम विस्फोट के बाद, 19 जनवरी 2018 को एक बार फिर आतंकवादियों द्वारा बोधगया को बम से दहलाने का असफल प्रयास किया गया। हालांकि, आतंकवादी संगठन इसमें असफल रहे।
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