बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जन सुराज पार्टी को मिली करारी हार के चार दिन बाद, पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) ने आज पटना के पाटिलपुत्र गोलंबर स्थित जन सुराज कैंप में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी की हार की शत-प्रतिशत जिम्मेदारी स्वयं पर ली और व्यवस्था परिवर्तन में असफल रहने के लिए क्षमा मांगी।
प्रशांत किशोर ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि जिस दल को केवल साढ़े 3 प्रतिशत वोट मिला, उसमें इतने मीडियाकर्मी आए, यह स्वयं में एक बड़ी बात है। उन्होंने स्वीकार किया कि उनका प्रयास ईमानदार था, लेकिन सफलता नहीं मिली। पीके ने कहा, "हमने बिहार में ईमानदार प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। व्यवस्था परिवर्तन तो छोड़िए, हम सत्ता परिवर्तन भी नहीं करा सके। हमलोगों से जरूर कुछ गलती हुई होगी जिससे जनता ने विश्वास नहीं किया।"
प्रशांत किशोर ने विनम्रतापूर्वक कहा कि हार की शत-प्रतिशत जिम्मेवारी वह खुद पर लेते हैं। उन्होंने आगे कहा, "हमलोग सामूहिक तौर पर हारे हैं और हमलोग आगे रणनीति बनाएंगे। सबकी आशाओं और सपनों पर खरा नहीं उतरने का सारा दोष मेरा है। मैं आप सबसे माफी मांगता हूं।"
जन सुराज पार्टी ने विधानसभा की 243 सीटों में से 238 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। जिसमें 233 कैंडिडेट यानी लगभग 98 प्रतिशत प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। रोहतास जिले की 7 सीटों (पीके का गृह जिला) पर भी पार्टी जमानत नहीं बचा पाई। उनकी अपनी विधानसभा करगहर में भी पार्टी की जमानत जब्त हो गई। प्रशांत किशोर ने स्वीकार किया कि असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM (5 सीटें) और बसपा (1 सीट) ने जन सुराज से बेहतर प्रदर्शन किया, जो उनकी राजनीतिक रणनीति पर सवाल खड़ा करता है।
हार स्वीकार करने के बाद प्रशांत किशोर ने प्रायश्चित के तौर पर उपवास रखने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा, "आज से दो दिन बाद भितहरवा आश्रम में एक दिन का मौन उपवास रखूंगा। मैं प्रायश्चित के तौर पर एक दिन का उपवास रखूंगा।"
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि जो भी इस गलती के लिए प्रायश्चित करना चाहते हैं, वे जहां हैं वहीं से सामूहिक उपवास करें। उन्होंने कहा कि "गलती हमलोगों से हुई होगी, लेकिन हमलोगों ने कोई गुनाह नहीं किया।"
पीके ने चुनाव जीतकर आए एनडीए गठबंधन को जीत की बधाई दी और उन पर नई जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने कहा कि अब नीतीश जी और पूरे एनडीए पर जवाबदेही है। उन्होंने पलायन के मुद्दे को सबसे बड़ा बताया और कहा कि अब रोजी रोजगार और पलायन का मुद्दा उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
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