सफेद टीशर्ट में राहुल गांधी की एंट्री, क्या 'पलायन यात्रा' से बिहार की राजनीति में आएगा भूचाल?

Published : Apr 07, 2025, 09:51 AM IST
Rahul Gandhi Bihar Yatra

सार

राहुल गांधी आज बिहार के बेगुसराय में 'पलायन रोको, नौकरी दो' पदयात्रा में शामिल होंगे। जानिए युवाओं के समर्थन में कांग्रेस का ये बड़ा कदम।

पटना/बेगूसराय। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को बिहार के बेगूसराय में 'पलायन रोको, नौकरी दो' पदयात्रा में शामिल होकर राज्य की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। यह पदयात्रा बेरोजगारी, शिक्षा की गिरती गुणवत्ता और युवाओं के पलायन जैसे मुद्दों पर केंद्रित है, और इसका नेतृत्व कर रहे हैं कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार।

युवाओं के दर्द को लेकर राहुल गांधी मैदान में

राहुल गांधी ने पदयात्रा में शामिल होकर बिहार के युवाओं को संदेश दिया है कि कांग्रेस उनके भविष्य की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा, "हम बिहार के युवाओं की ऊर्जा को तकनीक और रोज़गार में बदलना चाहते हैं। यह लड़ाई सिर्फ वोट की नहीं, उम्मीदों की है।" उनका यह संदेश ना केवल युवाओं को प्रेरित करने वाला था, बल्कि यह भी संकेत देता है कि कांग्रेस 2025 विधानसभा चुनावों के लिए ग्राउंड वर्क शुरू कर चुकी है।

क्या है ‘सफेद टी-शर्ट’ की राजनीति? 

राहुल गांधी ने अपने वीडियो संदेश में बिहार के युवाओं से सफेद टी-शर्ट पहनकर पदयात्रा में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह सफेद रंग "पवित्रता, संघर्ष और बदलाव की उम्मीद" का प्रतीक है। यह कदम न केवल युवाओं को एकजुट करने की रणनीति है, बल्कि इससे एक विजुअल पावर भी बनाई जा रही है जो मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म पर व्यापक असर डाल सके।

पदयात्रा का मकसद क्या है?

यह पदयात्रा फरवरी के अंत में पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा आश्रम से शुरू हुई थी। आज यह यात्रा 22वें दिन में प्रवेश कर चुकी है और बेगूसराय जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील जिले में पहुंची है। यात्रा का उद्देश्य स्पष्ट है – "बेरोजगारी हटाओ, पलायन रोको और बिहार को विकास की पटरी पर लाओ।" कन्हैया कुमार, जो खुद बेगूसराय से 2019 में चुनाव लड़ चुके हैं, इस यात्रा का चेहरा बने हुए हैं।

 

 

राहुल गांधी का कार्यक्रम और राजनीतिक संदेश

  1. राहुल गांधी आज तीन महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेंगे
  2. बेगूसराय में पदयात्रा में भागीदारी।
  3. पटना के ड्यूक मेमोरियल हॉल में ‘संविधान संरक्षण सम्मेलन’ में भाषण।
  4. कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात।
  5. इस दौरान राहुल ने यह भी कहा कि बिहार को फिर से ‘अवसरों की भूमि’ बनाना उनका उद्देश्य है।

लोकल नेताओं की प्रतिक्रिया

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा, "यह पदयात्रा सिर्फ एक राजनीतिक प्रदर्शन नहीं है, बल्कि युवाओं की हकीकत को सामने लाने का मंच है। राहुल जी का शामिल होना एक मजबूत संदेश है कि कांग्रेस जमीन पर उतर चुकी है।" पूर्व विधायक अमिता शर्मा ने कहा कि पार्टी अब केवल विरोध नहीं कर रही, बल्कि समाधान देने का भी प्रयास कर रही है।

क्या राहुल गांधी बिहार से चुनाव लड़ सकते हैं?

हाल ही में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि राहुल गांधी बिहार से 2024 या 2025 के चुनाव लड़ सकते हैं, खासकर तब जब वे लगातार राज्य के मुद्दों पर बोल रहे हैं और सक्रियता दिखा रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

क्या सच में मचेगा बिहार की राजनीति में भूचाल? 

राजनीतिक जानकारों की मानें तो राहुल गांधी की यह यात्रा केवल एक राजनीतिक शो नहीं, बल्कि यह 2025 विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ग्राउंड तैयार करने की रणनीति का हिस्सा है। जिस तरह से युवाओं को सीधे जोड़ने की कोशिश की जा रही है, उससे एनडीए और बीजेपी में हलचल तेज हो सकती है।

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