
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का वैशाली दौरा हंगामे के साथ यादगार बन गया। रविवार को सीएम नीतीश कुमार ने गरौल और देसरी प्रखंड में जन संवाद और विकास योजनाओं के उद्घाटन के लिए कार्यक्रम आयोजित किया। लेकिन जैसे ही मुख्यमंत्री अपने कार्यक्रम स्थल से बाहर निकले, स्थानीय जनता ने अपने गुस्से का इज़हार करते हुए JDU विधायक सिद्धार्थ पटेल के खिलाफ जमकर ‘GO BACK’ के नारे लगाए।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जनता का असंतोष मुख्य रूप से स्थानीय विधायक के प्रदर्शन और उनकी उपस्थिति को लेकर था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों में विधायक अपने क्षेत्र में पर्याप्त समय नहीं देते और योजनाओं की निगरानी नहीं करते। इस बार मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में विधायक के साथ होने के कारण उन्हें सीधे निशाने पर लिया गया।
हंगामे के दौरान सुरक्षा बलों को तैनात किया गया, जिन्होंने तुरंत स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की। भीड़ ने न केवल विधायक के खिलाफ नाराजगी जताई, बल्कि सीएम के गाड़ी की ओर बढ़ते समय जोरदार नारेबाजी की। अधिकारियों ने बताया कि किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा कर्मियों को तेजी से कार्रवाई करनी पड़ी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने गरौल प्रखंड के हरसेर गांव में डिग्री कॉलेज समेत कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। तत्पश्चात, देसरी प्रखंड के एसपीएस कॉलेज में लाभुक संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर सीएम ने 744 करोड़ 85 लाख रुपये की लागत से 331 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री का यह दौरा और योजनाओं का उद्घाटन राज्य सरकार की विकास गति को दिखाने का प्रयास था, लेकिन स्थानीय विधायक के खिलाफ जनता की प्रतिक्रिया ने कार्यक्रम को असामान्य मोड़ दे दिया। जानकार मानते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ऐसे हंगामे JDU और एनडीए दोनों के लिए आगामी चुनावी रणनीति पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।
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