सिकटा विधानसभा चुनाव 2025: JDU से जीते समृद्ध वर्मा

Published : Oct 30, 2025, 10:38 AM ISTUpdated : Nov 15, 2025, 12:41 AM IST
Sikta Assembly constituency

सार

2025 के सिकटा विधानसभा चुनाव में जदयू ने जीत हासिल की। ​​इस उम्मीदवार ने 97,000 से ज़्यादा वोट हासिल कर सीट जीत ली। मतदाताओं ने पार्टी पर भरोसा जताया और उसकी जीत सुनिश्चित की, जिससे सिकटा में जदयू की राजनीतिक पकड़ और मज़बूत हुई।

Sikta Assembly Election 2025: सिकटा विधानसभा चुनाव 2025 (Sikta Assembly Election 2025) सीट पर जेडीयू ने जीत हासिल कर सीट अपने नाम कर लिया है। 97 हजार से अधिक वोट के साथ जेडीयू ने जीती।

सिकटा विधानसभा का इतिहास: 2010, 2015, 2020 का परिणाम

सिकटा विधानसभा का इतिहास (Sikta Assembly Seat History) उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। 2010 में निर्दलीय दिलीप वर्मा ने जीत दर्ज कर सभी को चौंका दिया था। 2015 में जेडीयू के खुर्शीद अहमद ने सत्ता हासिल की और लगातार दूसरी बार विधायक बने। लेकिन 2020 का चुनाव बड़ा उलटफेर लेकर आया। भाकपा (माले) के वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने जेडीयू के खुर्शीद अहमद को हराकर विपक्ष की ताकत बढ़ा दी। गुप्ता ने करीब 10,500 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी।

सिकटा विधानसभा का जातीय समीकरण का क्या होगा खेल?

सिकटा विधानसभा सीट पर यादव और मुस्लिम मतदाता सबसे निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यही वजह है कि महागठबंधन का दबदबा यहां मजबूत रहता है। इसके अलावा रविदास, कोइरी और ब्राह्मण जातियां भी चुनावी परिणाम बदलने में अहम होती हैं। 2025 में क्या यह समीकरण एनडीए के पक्ष में जाएगा या महागठबंधन की पकड़ कायम रहेगी, यह बड़ा सवाल है।

सिकटा विधानसभा के प्रत्याशी और उनकी छवि

अबकी बार 2025 चुनाव में महागठबंधन से फिर से भाकपा (माले) के वीरेंद्र गुप्ता मैदान में उतर सकते हैं। उनका शिक्षा स्तर ग्रेजुएट है और पिछले चुनावी शपथपत्र में उनकी संपत्ति करीब 1.2 करोड़ रुपये बताई गई थी। वहीं जेडीयू खुर्शीद अहमद पर दांव लगा सकता है, जिनकी छवि स्थानीय मुद्दों को उठाने वाले नेता की रही है। हालांकि उनके खिलाफ कई विवाद और एक आपराधिक केस का भी जिक्र शपथपत्र में मिलता है।

सिकटा विधानसभा का बूथ मैनेजमेंट और लोकल फैक्टर

सिकटा विधानसभा चुनाव 2025 में बूथ मैनेजमेंट अहम फैक्टर होगा। 2020 के चुनाव में भाकपा (माले) ने जमीनी स्तर पर बूथ स्तर तक अपनी मजबूत पकड़ बनाई थी। इस बार एनडीए और महागठबंधन दोनों ही बूथ स्तर पर वोटरों को साधने के लिए रणनीति बना रहे हैं। बेरोजगारी, शिक्षा और सड़क से जुड़े मुद्दे यहां पर मुख्य चुनावी हथियार हो सकते हैं।

सिकटा विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास

  • 1962: स्वतंत्र पार्टी की जीत
  • 1980-85: जनता पार्टी का दबदबा
  • 1990: निर्दलीय फैयाजुल आजम की जीत
  • 1991: निर्दलीय दिलीप वर्मा विजयी
  • 1995: चंपारण विकास पार्टी
  • 2000: भाजपा
  • 2005 (फरवरी): समाजवादी पार्टी
  • 2010: निर्दलीय दिलीप वर्मा
  • 2015: जेडीयू (खुर्शीद अहमद)
  • 2020: भाकपा (माले) (वीरेंद्र गुप्ता)

अब 2025 में क्या होगा? यह रहस्य बना हुआ है।

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