
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले महागठबंधन के पक्ष में सियासी हलचल तेज हो गई है। सूत्रों की मानें तो आरजेडी इस बार अपने कई सीनियर विधायकों के टिकट काटने की योजना बना रही है। पार्टी की ओर से यह फैसला पोलो रोड स्थित तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर हुई अहम बैठक में लिया गया। इस बैठक में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने पिछले दो दिनों से विधायकों के प्रदर्शन और क्षेत्रीय स्थिति की समीक्षा के बाद इस बड़े कदम पर अंतिम मुहर लगाई।
आरजेडी सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने चुनाव से पहले अपने विधायकों और संभावित प्रत्याशियों पर एक व्यापक सर्वे कराया था। इस सर्वे में जिन विधायकों को लेकर जनता और स्थानीय स्तर पर संतोषजनक फीडबैक नहीं मिला, उन्हें दोबारा टिकट नहीं दिया जाएगा। साथ ही जिनके खिलाफ क्षेत्र में विरोध ज्यादा है, या जिन्होंने जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा, उनके लिए भी इस बार रास्ता मुश्किल होने वाला है।
पार्टी ने यह भी तय किया है कि उम्रदराज विधायकों और लंबे समय से सीट पर बैठे नेताओं के टिकट पर भी विचार किया जाएगा। इसका मकसद चुनाव में युवा और मजबूत प्रत्याशी उतारकर पार्टी की जीत की संभावनाओं को बढ़ाना है।
सूत्रों का कहना है कि आरजेडी अपने गढ़ मगध क्षेत्र में सबसे कम बदलाव करेगी। हालांकि कैमूर और भोजपुर में पार्टी इस बार अपने टिकटों में बड़ी सेंध लगाने का मन बना चुकी है। विशेष रूप से कैमूर में सबसे ज्यादा विधायकों के टिकट काटे जाने की संभावना है। पार्टी ने अपने उम्मीदवारों का चयन इस तरह से किया है कि हर सीट पर मजबूत और प्रभावशाली प्रत्याशी उतारा जा सके।
तेजस्वी यादव के आवास पर हुई बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने चुनावी सर्वे रिपोर्ट की गहन समीक्षा की। इसके बाद तय किया गया कि जिन विधायकों का प्रदर्शन औसत से कम रहा है, उनका टिकट काटा जाएगा। वहीं जिनके खिलाफ क्षेत्र में काफी विरोध है, उन्हें भी इस बार टिकट नहीं मिलेगा।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी संभावित प्रत्याशियों को शुक्रवार तक बुलाकर उन्हें तैयारी शुरू करने का संकेत दे देगी। टिकट धारकों के नाम की घोषणा सीट शेयरिंग के बाद की जाएगी। जिनको पार्टी इस बार अपना प्रत्याशी बनाने का मन बना चुकी है, उन्हें पहले ही इशारा कर दिया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि सोमवार के बाद महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर अंतिम मुहर लग सकती है। इसके बाद ही आरजेडी अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करेगी। पार्टी ने इस बार यह स्पष्ट किया है कि चुनावी रणनीति के तहत काम और जनता के समर्थन को प्राथमिकता दी जाएगी।
इस बार के चुनाव में आरजेडी की ओर से सीनियर नेताओं के टिकट कटने की खबर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। पार्टी युवा और मजबूत उम्मीदवारों को आगे लाकर हर क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी कर रही है। कैमूर और भोजपुर में सबसे बड़े बदलाव की उम्मीद के साथ बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में RJD की चाल जनता और विपक्ष दोनों के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।
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