
अंबिकापुर। जालसाज पाकिस्तान और नेपाल से ठगी का कारोबार आपरेट कर रहे थे। देश के ही कुछ लोग उनकी मदद कर रहे थे। उनके बहकावे में एक महिला फंस गई और ठगी का शिकार हो गई। महिला को इतना सदमा लगा कि उसने सुसाइड कर लिया। पुलिस ने जांच शुरु की तो पता चला कि एक युवक ने कुछ दिनों पहले महिला को केबीसी के नाम पर फोन करके 25 लाख की लाटरी लगने का झांसा दिया था और उसकी एवज में उससे डेढ़ लाख रुपये ऐंठ लिए थे। इससे महिला परेशान थी।
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट्स के अनुसार, छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर की लिचिरमा निवासी सेवंती पैंकरा (45) ने लगभग एक माह पहले सुसाइड कर लिया था। 23 मार्च को पुल से कूदकर महिला ने अपनी जिंदगी खत्म की थी। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरु की तो सामने आया कि एक युवक ने उन्हें फोन कर केबीसी में 25 लाख रुपये की लॉटरी लगने का झांसा दिया था। महिला युवक के बहकावे में आ गई। युवक ने महिला से प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पैसों की डिमांड की। महिला ने पैसे उसके दिए गए बैंक एकाउंट में जमा किए। पर युवक बार-बार फोन कर पैसों की डिमांड करता रहा।
लाटरी का पैसा नहीं आया तो महिला ने किया सुसाइड
जांच में यह भी पता चला कि महिला से कहा गया कि यदि वह 23 मार्च को उसके एकाउंट में 15 हजार रुपये जमा कर देगी तो उसके बैंक खाते में तुरंत 25 लाख रुपये आ जाएंगे। महिला फिर ठग के झांसे में आ गई और बैंक से पैसे उसके खाते में ट्रांसफर करा दिए। फिर भी लॉटरी की रकम उसके बैंक एकाउंट में नहीं आई। इसकी वजह से महिला परेशान थी। कई हिस्सों में ठगों ने महिला से डेढ़ लाख रुपये ले लिए थे। इससे परेशान होकर महिला ने पुल से कूदकर आत्महत्या कर ली।
विशेष टीम की जांच में सच आया सामने, सात अरेस्ट
इस मामले की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया गया। महिला ने जिन बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए थे। उनकी डिटेल खंगाली गई तो सामने आया कि यह बैंक खाते बिहार के पूर्णिया, कटिहार और आरा मे हैं। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मनमोहन उर्फ मनीष मंडल, चक्रवर्ती आनंद, प्रदुमन कुमार सिंह, वलिउआल रियाज, आशीष मंडल, शिवेन्द्र कुमार और मो. साहीद आलम को अरेस्ट कर लिया। बताया जा रहा है कि ठगी के इस कारोबार के मास्टरमाइंड शिवेंद्र कुमार व वलिउल्लाह हैं। महिला की जिन व्यक्तियों से बात होती थी। उनके मोबाइल नम्बर आ आईपी एड्रेस पाकिस्तान में पाया गया। सामने आया कि ठग पाकिस्तान में ही बैठकर ठगी का कारोबार आपरेट कर रहे थे और स्थानीय लोगों के बैंक एकाउंट में पैसा मंगवाते थे। उसके बदले उन्हें कमीशन दिया जाता था।
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