रायपुर: सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक 16 साल की बच्ची के गले में धंसी गोली को निकाल दिया गया है। शुक्रवार को बच्ची के गले में फंसी गोली को सफलतापूर्वक हटाया गया। छत्तीसगढ़ में 12 दिसंबर को हुई माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में बच्ची को गोली लगी थी। मंगलवार को घायल बच्ची को रायपुर के डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां आईसीयू में भर्ती बच्ची का ऑपरेशन शुक्रवार को पूरा हुआ।
12 डॉक्टरों की टीम ने बच्ची के गले से गोली निकाली। डीकेएस अस्पताल के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हेमंत शर्मा ने मीडिया को बताया कि नसों को बिना नुकसान पहुंचाए गोली निकाल दी गई है, लेकिन अगले 48 घंटे बच्ची के लिए बेहद नाजुक हैं। 12 दिसंबर को सुबह 3 बजे शुरू हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 7 माओवादियों को मार गिराया था। इस मुठभेड़ में चार नाबालिग घायल हुए थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि माओवादियों द्वारा इस्तेमाल किए गए बैरल ग्रेनेड लांचर से बच्चों को चोटें आईं थीं।
अबूझमाड़ इलाके में हुई इस मुठभेड़ में चार बच्चे घायल हुए थे। चार साल के एक बच्चे के सिर में गोली लगी थी, लेकिन उसकी हालत खतरे से बाहर है। 14 और 17 साल के दो अन्य बच्चों को भी गोली लगी थी। मारे गए लोग माओवादी थे या ग्रामीण, इस पर बहस छिड़ गई है। रायपुर से 350 किलोमीटर दूर अबूझमाड़ में यह मुठभेड़ हुई थी।