किसानों को खाद के लिए भटकना न पड़े: सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने अधिकारियों को दिए निर्देश

Published : Jun 02, 2025, 04:52 PM IST
Chhattisgarh Kedar Kashyap review meeting

सार

छत्तीसगढ़ के सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने उर्वरक आपूर्ति की समीक्षा की और किसानों को आसानी से खाद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कालाबाजारी पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।

रायपुर, 02 जून 2025। सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप ने आज महानदी मंत्रालय भवन में सहकारिता विभाग की वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर राज्य में रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति, भण्डारण एवं किसानों को वितरण की स्थिति की गहन समीक्षा की। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि किसानों को सुगमता से रासायनिक उर्वरक उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सहकारी समितियों की है। किसानों की डिमांड को देखते समितियों में नियमित रूप से खाद का भण्डारण एवं वितरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि किसानों को डीएपी के विकल्प के रूप में अन्य उर्वरकों के उपयोग के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।

मंत्री श्री कश्यप ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि किसानों को खाद के लिए भटकना न पड़े। निजी क्षेत्र की दुकानों में किसी भी तरीके की गड़बड़ी न हो इस पर भी कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए। उन्होंने उर्वरकों को निर्धारित दाम से अधिक मूल्य पर बेचने और कालाबाजारी की शिकायतों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि किसानों के हितों का संरक्षण सरकार की प्राथमिकता है। इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए।

बैठक में जानकारी दी गई कि खरीफ सीजन 2025 के लिए सहकारिता के लिए 10.72 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य है। इसके विरूद्ध 4.10 लाख मीट्रिक टन का भण्डारण हुआ है, जो कि लक्ष्य का 38.23 प्रतिशत है। किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से रासायनिक उर्वरकों का वितरण जारी है। 31 मई की स्थिति में 1.57 लाख मीट्रिक टन खाद का वितरण किसानों को किया जा चुका है। सहकारी समितियों में वर्तमान में 2.52 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक उपलब्ध है।

मंत्री श्री कश्यप ने अधिकारियों को राज्य में सहकारिता को मजबूत करने और ग्रामीणों, किसानों को इसका लाभ पहुंचाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में सहकारी समितियों के गठन के निर्देश दिए। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि सहकारिता से समृद्धि के लिए यह जरूरी है। बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में 11650 ग्राम पंचायतें है, जिनमें 2058 पैक्स, 1958 मत्स्य, 1009 दुग्ध तथा 1055 लघु वनोपज सहकारी समितियां पंजीकृत है। राज्य की 8611 सहकारी समिति विहीन ग्राम पंचायतों का चिन्हांकन कर युक्तियुक्त करते हुए 1279 अतिरिक्त ग्राम पंचायतों को आच्छादित किया गया है। इस वर्ष 1175 दुग्ध, 120 मत्स्य तथा 532 पैक्स के गठन का लक्ष्य है।

बैठक में खरीफ वर्ष 2025 के लिए ऋण वितरण की भी गहन समीक्षा की गई। बैठक में जानकारी दी गई कि इस साल 7800 करोड़ रूपए के ऋण वितरण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 4.90 लाख किसानों को 2441 करोड़ रूपए का ऋण वितरित किया जा चुका है। बैठक में अधिकारियों को 30 जून तक सभी सहकारी समितियों का ऑडिट पूरा कराने के निर्देश दिए है।

बैठक में सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सचिव श्री सी.आर. प्रसन्ना, एमडी मार्कफेड श्रीमती किरण कौशल, संचालक कृषि श्री राहुल देव, अपेक्स एमडी श्री के.एन. काण्डे, अपर आयुक्त श्री हितेश दोषी सहित सभी संभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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