छत्तीसगढ़ के नक्सली हमले में मारे गए ड्राइवर की बेटी ने रोते हुए किया खुलासा, 'पापा के झूठ ने सब खत्म कर दिया'

 

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में मार गए 10 जवान और एक ड्राइवर के परिवार अब शव लेने के लिए पहुंच रहे हैं। किसी की बेटी रो रही है तो किसी के पिता और पत्नी।

दंतेवाड़ा. कल बुधवार को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में हुए नक्सली हमले में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) के 10 जवानों की मौत हो गई। इस अटैक को लेकर किसी ने छत्तसीगढ़ की भूपेश बघेल सरकार पर आरोप लगाए हैं। तो किसीने जवानों की लापरवाही भी बताई है। वहीं इन सबके बीच हमले में मारे गए ड्राइवर धनीराम की बेटी ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

नक्सली हमले में मारे गए ड्राइवर अपने परिवार का अकेला था कमाने वाला

Latest Videos

दरअसल, हमले के एक दिन बाद गुरूवार को नक्सली हमले में मारे गए डीआरजी वाहन के ड्राइवर धनीराम का परिवार शव लेने के लिए पहुंचा है। जिसमें ड्राइवर की बड़ी बेटी बसंती और छोटा बेटा और पत्नी आई हुई थीं। तीनों के आंसू रुकने के नाम नहीं ले रहे हैं। बेटी 11वीं कक्षा में पढ़ती है तो वहीं बेटा 7वीं क्लास में है। बता दें कि ड्राइवर अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले थे। लेकिन इस हमले में जान जाने के बाद अब पूरा परिवार बर्बाद हो गया है। पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है कि अब कैसे और कौन उनका घर चलाएगा। बच्चों की पढ़ाई कैसे पूरी हो पाएगी।

ड्राइवर की बेटी ने कहा-पापा से कहा था...नक्सलियों के पास जवानों को लेकर नहीं जाना

बड़ी बेटी ने रोते हुए बताया कि पापा को हमने बोला था कि आप जंगल में जवानों को लेकर मत जाना, लेकिन वह बिना बताए चले गए। बस जवानों को देखते ही नक्सलियों ने उन्हें मार डाला। बता दें कि मंगलवार को ड्राइवर अपने घर से निकले थे, पत्नी और बेटी ने पूछा कहां जा रहे हो तो नहीं बताया कहा कि शाम तक लौट आऊंगा। फिर घटना वाले दिन सुबह परिवार से बात भी की जब भी नहीं बताया कि वह कहां पर हैं, बस यही बोला कि जल्द आ जाऊंगा। जब शाम तक नहीं लौटे तो परिवार ने फोन लगाया, लेकिन मोबाइल बंद आया, फिर टीवी पर न्यूज देखी तो पूरे परिवार के होश उड़ गए।

ड्राइवर धनीराम जवानों को लाते-जाते थे

बता दें कि नक्सली हमले में मारे गए ड्राइवर धनीराम मूल रूप से गीदम शहर के रहने वाले थे। वह पिछले पांच सालों से डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) की वाहन चला रहे थे। धनीराम ही पिछले कुछ दिनों से जवानों को टेम्पो ट्रैक्स वाहन मे बैठाकर जंगल से लेकर शहर ले जाया करते थे। मंगलवार को भी धनीराम यादव अपने परिवार को बिना बताए जवानों को वाहन में अरनपुर लेकर गए थे, लेकिन बुधवार उनकी जिंदगी का आखिरी दिन साबित हो गया।

Share this article
click me!

Latest Videos

राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी