
SECL Preventive Vigilance Campaign: केंद्रीय सतर्कता आयोग, नई दिल्ली के निर्देशानुसार एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में तीन माह के निवारक सतर्कता अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसईसीएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री हरीश दुहान ने की। इस अवसर पर बिलासपुर संभाग के आयुक्त सुनील जैन, एसईसीएल के निदेशक (तकनीकी - संचालन सह योजना/परियोजना) श्री एन. फ्रैंकलिन जयकुमार; निदेशक (मानव संसाधन) श्री बिरंची दास और मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री हिमांशु जैन उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके पश्चात अतिथियों ने सरदार वल्लभभाई पटेल के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। तत्पश्चात कोल इंडिया कॉर्पोरेट गीत प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात एसईसीएल के सीएमडी हरीश दुहान ने सभी उपस्थित लोगों को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई।
सार्वजनिक क्षेत्र में पारदर्शिता अत्यंत आवश्यक है, चाहे वह सार्वजनिक उपक्रम हो या राज्य सरकार। ऐसे आयोजन निश्चित रूप से सतर्कता और पारदर्शी कार्य संस्कृति को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और राज्य सरकार दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं और क्षेत्र के विकास के लिए दोनों के बीच परस्पर सहयोग और समन्वय अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एसईसीएल के सीएमडी हरीश दुहान ने कहा कि मैं टीम एसईसीएल के प्रत्येक सदस्य से अपील करना चाहता हूं कि हम जो भी कार्य करें, उसे नियमों और नीतियों के दायरे में रहकर पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ करें। राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि एसईसीएल को अपनी कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार से निरंतर मार्गदर्शन और सहयोग प्राप्त होता रहता है। परिणामस्वरूप, इस वर्ष हम मेगा परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेज़ी लाने में सफल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने भूमि अधिग्रहण एवं अन्य क्षेत्रों में राज्य सरकार से अपेक्षित सहयोग से संबंधित विषयों पर भी चर्चा की।
मुख्य सतर्कता अधिकारी हिमांशु जैन ने बताया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा इस वर्ष के अभियान का विषय "सतर्कता: हमारी साझा ज़िम्मेदारी" निर्धारित किया गया है। इस अभियान के पांच प्रमुख बिंदु हैं - लंबित शिकायतों का निपटारा, लंबित मामलों का निपटारा, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करना, परिसंपत्तियों का प्रभावी प्रबंधन और डिजिटल पहल को बढ़ावा देकर कार्यप्रणाली को और अधिक आधुनिक एवं पारदर्शी बनाना।
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एसईसीएल में कार्यप्रणाली में सुधार के लिए सतर्कता विभाग द्वारा कई प्रयास किए गए हैं। जैसे - कोयले की गुणवत्ता में सुधार हेतु तृतीय पक्ष परीक्षण, सीसीटीवी निगरानी और रीयल-टाइम पर्यवेक्षण सहित एक पारदर्शी प्रणाली का विकास। क्रय प्रक्रियाओं में एसओपी आधारित बिल प्रोसेसिंग, फीफो क्लीयरेंस और एसएपी आधारित ट्रैकिंग को लागू किया गया है। परिसंपत्ति प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने हेतु मशीनों का सत्यापन एवं डिजिटल टैगिंग की गई है। जटायु डैशबोर्ड, डिजिकॉल और इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालन और निगरानी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया गया है। कार्यक्रम में महाप्रबंधक (सतर्कता) श्री नागेश्वर राव सहित मुख्यालय के सभी विभागाध्यक्ष, अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
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