
रायपुर. छत्तीसगड़ के अंबिकापुर सेंट्रल जेल से सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां महिला बंदियों के कपड़े उतरवाकर वीडियो बनया गया। यह आरोप जेल में बंद एक महिला के परिजनों ने लगाए हैं। इतना ही नहीं इसकी शिकायत राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष से की गई है। साथ ही इस मामले की जांच करने की अपील की है।
महिला बंदियों के कपड़े उतरवाकर शारीरिक किया जाता
दरअसल, अंबिकापुर जिले के मुड़ेसा गांव के रहने वाले कमलेश साहू नाम के युवक ने यह शिकायत राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष से की है। युवक ने कहा कि उसकी मौसी सेंट्रल जेल जेल में बंद है। जिसके साथा अमानवीय व्यवहार किया जाता है। मौसी ही नहीं जेल में बंद अन्य बंदियों के साथ भी शर्मनाक हरकत की जाती है। पहले महिलाओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता, फिर उनके कपड़े उतरवाकर शारीरिक शोषण किया जाता। इतना ही नहीं उनके गंदे वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते।
जेल प्रहरी और जेल अधिकारी जबरन वसूलते हैं महिला बंदियों से पैसे
कमशेल नाम के युवक ने शिकायत देते हुए कहा कि उसकी मौसी पिछले 6 महीने से अंबिकापुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। हाल ही में जब मैं उनसे मिलने के लिए गया तो उन्होंने बताया कि किस तरह से जेल के अंदर महिला बंदियों के साथ अधिकारी और जेल प्रहरी अमानवीय व्यवहार करते हैं। मेरी मौसी ने बताया कि उन्हें हर महीने जेलर ममता पटेल और महिला जेल प्रहरी मेरी मारग्रेट को हर महीने पैसे देने पड़ते हैं। किसी महिला बंदी ने पैसे नहीं दिए तो उसके कपड़े उतारे जाते और उसका मोबाइल से अश्लील वीडियो बनाया जाता। फिर इन वीडियो को वायरल करने की धमकी दी जाती।
कलेक्टर से लेकर गृह विभाग तक पहुंचा मामला
युवक ने अंबिकापुर सेंट्रल में महिलाओं के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार की शिकायत राज्य मानवाधिकार आयोग के अलावा गृह विभाग, सचिव, जेल विभाग के महानिदेशक, सरगुजा कलेक्टर और केंद्रीय जेल के अधीक्षक से शिकायत की है। साथ ही जेल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए जांच पड़ताल की मांग की है। साथ ही युवक ने कहा कि अगर किसी महिला ने कोई जुर्म किया तो कनून ने उन्हें सजा दी है। लेकिन जेल के अंदर कर्मचारी महिला बंदियों जो शर्मनाक कृत्य करते हैं वो मानव अधिकार का उल्लंघन है। वहीं इस पूरे मामले पर सेंट्रल जेल अधीक्षक योगेश सिंह ने बताया कि अभी तक उनके पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। अगर ऐसी बात यह तो वह यहां शिकायत करें, जांच पड़ताल की जाएगी।
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