लीना मारिया पॉल की जमानत पर सस्पेंस बरकरार, क्या दिल्ली HC से मिलेगी राहत?

Published : May 19, 2025, 07:17 PM IST
Representative Image

सार

सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी लीना मारिया पॉल की जमानत याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। तीन साल से ज़्यादा समय से हिरासत में रहने के बाद भी आरोप तय नहीं हुए हैं, जबकि अन्य सह-अभियुक्तों को जमानत मिल चुकी है।

नई दिल्ली(ANI): दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी लीना मारिया पॉल की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत याचिका पर बहस सुनी। उन्होंने हिरासत की अवधि, समानता और महिला अभियुक्तों से संबंधित धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के आधार पर जमानत मांगी है। अभिनेत्री पिछले तीन साल और सात महीनों से हिरासत में है।न्यायमूर्ति शालिंदर कौर की एकल पीठ लीना मारिया पॉल की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है, जो पिछले साल दायर की गई थी। अदालत ने मामले को अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के लिए 2 जुलाई को सूचीबद्ध किया है।
 

याचिकाकर्ता लीना की ओर से जॉन पॉल एडिसन के साथ अधिवक्ता अनंत मलिक पेश हुए। उन्होंने तर्क दिया कि लगभग तीन साल और सात महीने हिरासत में रहने के बावजूद, अभी तक उनके खिलाफ आरोप तय नहीं किए गए हैं। वहीं, अन्य सह-अभियुक्तों को उच्च न्यायालय और निचली अदालत ने जमानत दे दी थी। उन्होंने आगे तर्क दिया कि अभियुक्त जैकलीन फर्नांडीज को जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया था। उन्हें जारी किए गए समन पर पेश होने पर जमानत दे दी गई थी>यह भी तर्क दिया गया कि PMLA की धारा 45 के तहत दोहरी शर्त में महिला अभियुक्त से संबंधित प्रावधान भी है।
 

यह प्रस्तुत किया गया कि 14 दिसंबर, 2021 को याचिकाकर्ता और अन्य 178 गवाहों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। मामला अभी भी आरोपियों की ओर से आरोपों पर बहस के अधिवक्ता मलिक ने तर्क दिया कि आरोपी प्रदीप रामदानी, अवतार सिंह कोचर, पिंकी ईरानी और जैकलीन फर्नांडीज जमानत पर हैं।
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता की भूमिका फर्नांडीज जैसी ही है।
उनकी आखिरी जमानत याचिका 19 मई, 2023 को खारिज कर दी गई थी, उस समय आरोप पर बहस अभी भी चल रही थी। अभी भी आरोपियों की ओर से आरोपों पर बहस चल रही है और कुछ भी नहीं बदला है।
उन्होंने आगे कहा कि अवतार सिंह कोचर को देरी के आधार पर जमानत दी गई थी। जमानत देते समय मनीष सिसोदिया मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया गया।
वकील ने कहा कि PMLA के तहत एक महिला की जमानत पर विचार करते समय एक महिला विशेष व्यवहार की हकदार है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यह कहते हुए जमानत याचिका का विरोध किया है कि धारा 45 (2) एक महिला अभियुक्त पर लागू नहीं होती है। ED ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही तय कर दिया है कि क्या विचार किया जाना है।
धारा 45 की दोहरी शर्तें 439 CrPC के प्रावधान के अतिरिक्त हैं। इसके अलावा, जमानत याचिका पर विचार करते समय आरोपी के आचरण पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। (ANI)
 

PREV

दिल्ली की राजनीति, मेट्रो-ट्रैफिक अपडेट्स, प्रदूषण स्तर, प्रशासनिक फैसले और नागरिक सुविधाओं से जुड़ी हर ज़रूरी जानकारी पाएं। राजधानी की रियल-टाइम रिपोर्टिंग के लिए Delhi News in Hindi सेक्शन देखें — सटीक और तेज़ समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

Delhi School Admission 2026: नर्सरी-1st फॉर्म शुरू, 7 डॉक्यूमेंट जरूरी
BREAKING: दिल्ली MCD उपचुनाव में BJP की जबरदस्त जीत, 7 सीटों पर कब्ज़ा