
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली नगर निगम (MCD) के 12 वार्डों में आज होने वाला उपचुनाव राजधानी की राजनीति के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। इस मतदान को सीधे तौर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के कार्यकाल और BJP के प्रदर्शन पर जनमत संग्रह समझा जा रहा है। दूसरी ओर, AAP इन चुनावों के जरिए खोया राजनीतिक जनाधार वापस लाने की कोशिश में है, जबकि कांग्रेस भी अपनी उपस्थिति मजबूत करने की रणनीति के साथ मैदान में है। यह लड़ाई सिर्फ सीटों की नहीं, बल्कि दिल्ली की आने वाली राजनीति की दिशा तय करने वाली मानी जा रही है। इन 12 खाली सीटों के लिए 53 उम्मीदवार मैदान में हैं, और जीत-हार का सीधा असर नगर निगम की पावर बैलेंस पर पड़ना निश्चित है। नतीजे 3 दिसंबर को घोषित होंगे।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस चुनाव में बेहद आक्रामक अंदाज़ में उतरी है। मौजूदा MCD हाउस में BJP के 115 पार्षद हैं और पार्टी 12-0 से जीत दर्ज कर 125 के बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रही है। BJP यह प्रदर्शन दिखाकर ये साबित करना चाहती है कि CM रेखा गुप्ता की:
पिछले 12 महीनों में कई पार्षद:
खाली वार्ड: मुंडका, शालीमार बाग-B, अशोक विहार, चांदनी चौक, चांदनी महल, द्वारका-B, डिचाओं कलां, नारायणा, संगम विहार-A, दक्षिण पुरी (SC), ग्रेटर कैलाश, विनोद नगर। ये वार्ड कई अहम इलाकों-मटियाला, नजफगढ़, राजेंद्र नगर, देवली, पटपड़गंज में आते हैं, और लोकल मुद्दों पर चुनावी असर साफ दिखाई दे रहा है।
दिल्ली में यह उपचुनाव भले ही सिर्फ 12 सीटों का है, लेकिन असर बहुत बड़ा है। परिणाम तय करेंगे कि:
दिल्ली की राजनीति में आने वाले महीनों की तस्वीर काफी हद तक इन्हीं नतीजों से साफ हो जाएगी।
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