10 जुलाई, 2025 को जेएनयू में एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने टिप्पणी की कि वह अगस्त 2027 तक पद पर बने रहेंगे, ‘ईश्वरीय हस्तक्षेप के अधीन।’