
Radhika Yadav murder: राष्ट्रीय स्तर की टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या की गुत्थी अब उलझती जा रही है। पुलिस को शुरू में दिए गए बयानों के अनुसार, पिता दीपक यादव ने कहा था कि उसने राधिका की पीठ और कमर पर तीन गोलियां मारी थीं। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि राधिका के सीने में चार गोलियां लगी थीं। यह खुलासा पिता के बयान से मेल नहीं खाता, जिससे संदेह और गहरा हो गया है।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि हत्या प्री-प्लान थी। दीपक ने जानबूझकर अपने बेटे को दूध लाने के बहाने बाहर भेजा और उसी वक्त रसोई में मौजूद राधिका पर गोलियां चला दीं। घर में उस समय पत्नी कमरे में आराम कर रही थी। दीपक ने कबूला कि यदि बेटा घर पर होता तो वह राधिका को नहीं मार पाता। इस बीच राधिका की एक रील सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वह एक लड़के साथ बाइक पर बैठी हुई रील बना रही है। युवक के बारे में बताया जा रहा है कि उसका नाम इमामुल हक है और उसके राधिका के पिता उसके साथ बेटी को रील बनाने से मना कर रहे थे लेकिन वह मान नहीं रहीं थी।
दीपक यादव ने पुलिस को बताया कि वह राधिका द्वारा दिए जाने वाले कमाई के तानों और उसकी टेनिस एकेडमी को लेकर काफी समय से मानसिक दबाव में था। उसने कई बार राधिका से एकेडमी बंद करने को कहा, लेकिन वह नहीं मानी। गोली चलने की आवाज सुनकर नीचे से चाचा कुलदीप यादव दौड़ते हुए ऊपर पहुंचे और राधिका को कार में अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कोर्ट ने आरोपी पिता दीपक यादव को एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। पुलिस को दीपक की लाइसेंसी रिवॉल्वर की बची गोलियां बरामद करनी हैं, जो संभवतः रेवाड़ी के कासन गांव में स्थित उसकी जमीन से मिल सकती हैं।
राधिका यादव का अंतिम संस्कार गुरुग्राम के वजीराबाद गांव के श्मशान घाट पर किया गया। भाई धीरज यादव ने मुखाग्नि दी। गांव और परिवार में गहरी चुप्पी और गम का माहौल है। लोग इस बात को पचा नहीं पा रहे कि एक पिता ने अपनी बेटी की जान ले ली। अब सवाल यह है कि एक पिता कैसे अपनी होनहार बेटी का हत्यारा बन गया?
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