
चंडीगढ। चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर बुधवार को हुई हिंसक झड़प के आरोपियों की आज कोर्ट में पेशी है। बुधवार को हुई घटना ने हिंसक रूप ले लिया था। हिंसा के आरोपी चंडीगढ में घुसने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन लोगों ने पुलिस वालों पर तलवारों और डंडों से हमला कर दिया। अब प्रदर्शनकारियों का 31 सदस्यीय जत्था गुरुवार दोपहर को मोहाली से चंडीगढ की तरफ रवाना हुआ है। मोहाली पुलिस बुधवार की घटना के बाद सतर्क है। मोहाली पुलिस नाकेबंदी कर जत्थे को चंडीगढ में प्रवेश करने से रोकेगी।
बुधवार को हुई घटना में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वालों को दौड़ा दौड़ाकर पीटा, उनके हेलमेट, हथियार, शील्ड और बज्र गाड़ी में से टियर गैस ग्रेनेड भी लूट लिये थे। सजा पूरी कर चुके सिख कैदियों की रिहाई की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों के हमले में कई पुलिस वाले भी घालय हुए हैं। उन्हीं आरोपियों के खिलाफ सेक्टर 36 थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। चंडीगढ पुलिस के मुताबिक, 12 प्रो-खालिस्तानी संगठनों ने प्रदर्शन के दौरान खालिस्तान समर्थित नारे लगाए।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया। आरोपियों के खिलाफ सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, आर्म्स एक्ट की धाराओं, हत्या के प्रसास, डकैती, चोट पहुंचाने, हथियारो समेत दंगे करने आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
एक महीने से मोहाली के वाईपीएस चौक के पास प्रदर्शन चल रहा था। कौमी इंसाफ मोर्चा के समर्थक प्रदर्शनकारी पंजाब के मुख्यमंत्री आवास की तरफ जाना चाहते थे। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग को भी तोड़ने की कोशिश की।
प्रदर्शनकारी जिन सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं और उसको लेकर बुधवार को प्रदेश में हिंसा हुई। उनमें पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह का हत्यादोषी व बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकी जगतार सिंह हवारा भी शामिल है। कोर्ट ने उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला था और आजीवन जेल में ही रखने का फैसला दिया था।
पंजाब सीएम आवास की तरफ गुरुवार को जत्था भेजने की घोषणा के बाद पुलिस अलर्ट पर है। ट्रैफिक पुलिस की भी तैनाती की गयी है। जगह-जगह बैरिकेडस लगाए गए हैं, ताकि प्रदर्शनकारियों को रोका जा सके।
सेक्टर 52 के सरकारी हाई स्कूल के पास बैरिकेड लगाकर पुलिस ने सड़क बंद कर दी है। पुलिस के जवान मुस्तैद हैं, उनकी यहां भारी संख्या में तैनाती की गयी है। पैदल जाने वालों को भी मुश्किलें हो रही हैं। नजदीक में ही बसें भी खड़ी की गयी हैं। ताकि किसी असहज स्थिति में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर यहां से हटाया जा सके।