
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आयोजित होने वाला वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (VGRC), राज्य की औद्योगिक क्षमता, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान दिलाएगा। नई दिल्ली में उद्योगपतियों और औद्योगिक संगठनों के साथ आयोजित रोड शो और बैठक में मुख्यमंत्री ने अध्यक्षीय संबोधन किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि ट्रेड-ट्रेडिशन, कॉमर्स-कल्चर और इंडस्ट्री-आंत्रप्रेन्योरशिप का संगम वाइब्रेंट गुजरात है। 2003 में प्रधानमंत्री मोदी की सोच से वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की शुरुआत हुई। दो दशकों में यह समिट गुजरात को देश का सबसे औद्योगिकीकृत और शहरीकृत राज्य बनाने में सफल रही। अब गुजरात निवेशकों के लिए “मोस्ट प्रेफ़र्ड डेस्टिनेशन” बन चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब विकास की गति को क्षेत्रीय स्तर पर बढ़ाने के लिए वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस शुरू किए जा रहे हैं। उत्तर गुजरात, दक्षिण गुजरात, सौराष्ट्र और मध्य गुजरात में सेक्टर-विशेष निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इन कॉन्फ्रेंस से MSME और स्थानीय उद्योगों को बड़ा अवसर मिलेगा। ट्रेड शो, प्रदर्शनी और सेक्टर-विशेष सेमिनार से क्षेत्रीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का मंच मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में कई फ्यूचर रेडी प्रोजेक्ट्स और विशेष औद्योगिक पार्क बनाए जा रहे हैं:
इन प्रोजेक्ट्स से गुजरात की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और राज्य के अगले विकास चरण की दिशा तय होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आयोजन की थीम “क्षेत्रीय आकांक्षा-वैश्विक महत्वाकांक्षा” है। यह “वोकल फॉर लोकल” और “लोकल फॉर ग्लोबल” के संकल्प को पूरा करेगा। लक्ष्य है कि विकसित गुजरात @2047 के तहत राज्य की अर्थव्यवस्था को 3.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाया जाए। CM भूपेंद्र पटेल ने 9-10 अक्टूबर को उत्तर गुजरात में होने वाले पहले रीजनल कॉन्फ्रेंस और उसके बाद राज्य होने वाले अन्य VGRC के लिए उद्योग जगत को आमंत्रित किया।
मुख्य सचिव पंकज जोशी ने कहा कि 2003 से शुरू हुई यह समिट अब नीति, साझेदारी और निवेश का एक मजबूत मंच बन चुकी है। गुजरात लगातार ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस और बिज़नेस रिफॉर्म एक्शन प्लान में शीर्ष पर है। सिंगल विंडो क्लीयरेंस एक्ट-2017 और इन्वेस्टर्स फैसिलिटेशन पोर्टल निवेशकों के लिए वन-स्टॉप सॉल्यूशन है।
गुजरात ने सेमीकंडक्टर, नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, डिफेंस और एयरोस्पेस जैसे सेक्टर्स में निवेश आकर्षित किया है। VGRC इस प्रगति को और तेज करेगा और संतुलित विकास का “गुजरात मॉडल” बनेगा।
भारत सरकार के DPIIT सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने VGRC की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे टियर-2 और टियर-3 शहरों में नई इंडस्ट्री और स्टार्टअप्स को अवसर मिलेगा। यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी पथप्रदर्शक बनेगी।
इस मौके पर इंडस्ट्री डिपार्टमेंट की सेक्रेटरी जनरल ममता वर्मा, उद्योग आयुक्त पी. स्वरूप, CM के अपर मुख्य सचिव एम. के. दास, FICCI अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल, हेस्टर बायोसाइंसेज़ के CEO राजीव गांधी के साथ कई इंडस्ट्रियलिस्ट और अधिकारी मौजूद थे।