गुजरात के तेंदुए को क्यों मिली उम्रकैद की सजा? लोगों ने ली राहत की सांस

बार-बार रिहायशी इलाकों में आकर लोगों को अपना शिकार बनाने वाले तेंदुए को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

सूरत: आदमखोर तेंदुए को उम्रकैद की सजा। गुजरात के सूरत में महीनों के अंदर तीन लोगों की जान लेने वाले नरभक्षी तेंदुए को पुनर्वास केंद्र में रखने का फैसला लिया गया है। एक हफ्ते से ज्यादा चले अभियान के बाद आखिरकार रविवार को सूरत के पास मांडवी से वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ लिया। कई गांवों में दहशत फैलाने के बाद यह कार्रवाई की गई। अधिकारियों के मुताबिक, अब इस तेंदुए को सांखवा के पुनर्वास केंद्र में रखा जाएगा। वन विभाग के डिप्टी कंजर्वेटर आनंद कुमार ने राष्ट्रीय मीडिया को बताया कि लोगों पर लगातार हमले करने के बाद यह कदम उठाया गया है। 

मानदंडों के अनुसार, ऐसे जानवर जो लगातार इंसानों पर हमला करते हैं, उन्हें पुनर्वास केंद्रों में रखा जाना चाहिए। मांडवी के उस्केर गांव में गन्ने के खेत के पास खेल रहे सात साल के बच्चे को तेंदुए ने अपना शिकार बना लिया था, जिसके बाद इलाके में भारी विरोध प्रदर्शन हुए। इसके बाद ही तेंदुए को पकड़ने के लिए सक्रिय प्रयास शुरू किए गए। पिछले सोमवार की शाम को सात साल के बच्चे को तेंदुए ने पकड़ लिया था। परिवार और स्थानीय लोगों ने मिलकर खोजबीन की, जिसके बाद बच्चे के शरीर के कुछ हिस्से मिले, जिन्हें तेंदुए ने खा लिया था। 

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इसके बाद ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया, जिसके बाद वन विभाग ने इलाके में दस जाल बिछाए। शव के बचे हुए हिस्सों की तलाश में आए तेंदुए इनमें से एक में फंस गया। शुरुआत में तेंदुए को निगरानी में रखने और फिर जंगल में छोड़ने की बात कही गई थी, जिसका स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध किया। इसके बाद ही तेंदुए को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। सितंबर में पास के इलाके अमरेली में इसी तेंदुए ने दो साल के एक बच्चे को अपना शिकार बनाया था।

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