
Supreme Court PIL Stray Dogs: मेघालय उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि राज्य में आवारा कुत्तों के खतरे पर एक जनहित याचिका (PIL) अपने पास रखी जाए। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि मेघालय में आवारा कुत्तों का स्वभाव अन्य राज्यों की तुलना में अधिक आक्रामक और खूँखार है, जिससे जन सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। सड़कों और गलियों पर अचानक हमला करने वाले इन कुत्तों के मामलों में स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई आवश्यक है।
न्यायालय के अनुसार, कई आवारा कुत्ते काटने वाले और खूँखार स्वभाव के होते हैं। ये सार्वजनिक स्थानों पर अचानक हमला कर सकते हैं और कभी-कभी गंभीर चोटें पहुंचाते हैं। इस जनहित याचिका में इस विशिष्ट खतरे को ध्यान में रखते हुए, न्यायालय ने सरकारी अधिकारियों को कुत्तों को पकड़ने, उनका टीकाकरण और चिकित्सा कराने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद ही उन्हें निगरानी के लिए आश्रयों में रखा जाएगा, ताकि सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
उच्च न्यायालय मेघालय ने महापंजीयक को निर्देश दिया है कि वह इस आदेश के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में औपचारिक आवेदन प्रस्तुत करें। याचिका की सुनवाई अब 15 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध की गई है। न्यायालय ने जोर दिया कि इस PIL को इसकी विशिष्ट और खतरनाक विशेषता के कारण राज्य में ही रखा जाना चाहिए।
यदि खूंखार कुत्तों को बिना निगरानी और टीकाकरण के सार्वजनिक स्थानों पर छोड़ा गया, तो यह जनता के लिए गंभीर जोखिम पैदा करेगा। न्यायालय ने साफ तौर पर कहा कि किसी भी परिस्थिति में इस खतरे को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
याचिका के निर्देशों के मुताबिक, कुत्तों को पकड़ना, उनका टीकाकरण करना और चिकित्सा कराना प्राथमिक कदम होंगे। इसके बाद ही उन्हें आश्रयों में रखा जाएगा। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि कुत्ते सार्वजनिक स्थानों पर बार-बार आकर लोगों पर हमला न कर सकें।