
गांधीनगर। गुजरात में निवेश आकर्षित करने और रणनीतिक साझेदारी बनाने के लिए आयोजित वाइब्रेंट गुजरात अब देश के अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल बन चुका है। इसी श्रृंखला में इस वर्ष सरकार द्वारा वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंसेज का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत शुक्रवार को बनासकाँठा जिले में विधानसभा अध्यक्ष श्री शंकरभाई चौधरी और उद्योग मंत्री श्री बलवंतसिंह राजपूत की उपस्थिति में ‘वाइब्रेंट गुजरात, वाइब्रेंट बनासकाँठा’ जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित हुआ।
इस आयोजन में मंच से लगभग 283 करोड़ रुपए के 6 एमओयू किए गए। इसमें सबसे बड़ा समझौता सड़क एवं भवन विभाग-बनासकाँठा और एसपीजी इन्फ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड के बीच 210 करोड़ रुपए का हुआ।
सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा 11 हेल्प डेस्क लगाए गए। इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों के मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की प्रदर्शनी के लिए 36 स्टॉल भी लगाए गए। विधानसभा अध्यक्ष और अन्य अतिथियों ने इन स्टॉल का उद्घाटन कर निरीक्षण किया। साथ ही, उद्योग को समर्पित एक फिल्म दिखाई गई और लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ वितरित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष श्री शंकरभाई चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक स्तर पर शीर्ष स्थान प्राप्त कर रहा है। आयात-निर्यात को बढ़ाने और उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने कई सरल नीतियाँ लागू की हैं।
उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया जैसे अभियान नागरिकों को उद्योगों की ओर प्रेरित कर रहे हैं। लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करना चाहिए और देश के विकास में योगदान देना चाहिए।
श्री चौधरी ने कहा कि भारत विशाल मार्केट उपलब्ध कराता है और बनासकाँठा कई क्षेत्रों में राज्य में अग्रणी है। जिले में मार्बल, एग्रो और डेयरी उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने प्रोडक्ट की वैल्यू एडिशन पर जोर दिया और कहा कि आज एआई और वर्चुअल दुनिया के जरिए ब्रांडिंग और बिक्री आसान हो गई है।
उन्होंने बनास डेयरी का उदाहरण देते हुए कहा कि डेयरी ने कई नए स्टार्टअप शुरू किए और पिछले 10 वर्षों में 23 हजार करोड़ रुपए का नेटवर्क बनाया है। जिले में लगभग 28.50 लाख पशु हैं और बनास डेयरी ने गोबर से बायोगैस पर आधारित लगभग 5 सीएनजी पंप भी बनाए हैं। इससे पशुपालकों को अतिरिक्त आय हो रही है और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिला है।
श्री चौधरी ने कहा कि किसी भी उद्योग में क्वालिटी, नई खोज और तकनीकी नवाचार जरूरी है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि आने वाले समय में बनासकाँठा में देश का सबसे बड़ा ब्रीडिंग सेंटर बनाया जाएगा।
कार्यक्रम में उद्योग मंत्री श्री बलवंतसिंह राजपूत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में वर्ष 2003 से शुरू हुए वाइब्रेंट गुजरात ने राज्य को विकास की अग्रिम पंक्ति में लाने में अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने बताया कि आज दुनिया की शीर्ष 500 कंपनियों में से 100 कंपनियाँ गुजरात में कार्यरत हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के बड़े अवसर मिले हैं।
राजपूत ने कहा कि राज्य की प्रति व्यक्ति आय 18,753 रुपए से बढ़कर अब 2.73 लाख रुपए हो चुकी है। गुजरात का जीडीपी 8.4% की दर से बढ़ रहा है।
श्री राजपूत ने कहा कि भारत अतीत में सोने की चिड़िया कहलाता था और अब फिर से उसे वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने का लक्ष्य है। सरल उद्योग नीतियों के चलते भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने बताया कि युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए गुजरात में सबसे पहले स्किल यूनिवर्सिटी शुरू की गई है। छोटे उद्योगकारों को भी राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के जरिए प्रोत्साहन दे रही है।
इस अवसर पर राज्य सरकार की उद्योग एवं खान विभाग की प्रधान सचिव श्री ममता वर्मा ने बनासकाँठा जिले में उपलब्ध उद्योग अवसरों और आगामी वाइब्रेंट गुजरात आयोजन की जानकारी दी। जिले के उद्यमियों ने भी अपने विचार साझा किए।
गुजरात में अगले चरण में चार अंचलों में वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंसेज आयोजित होंगी। इसमें 9 और 10 अक्टूबर 2025 को मेहसाणा में उत्तर गुजरात वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस होगी। इसमें पाँच कैटेगरीज में एमएसई अवॉर्ड्स दिए जाएंगे।
इस कार्यक्रम में विधायक श्री अनिकेतभाई ठाकर, प्रवीणभाई माली, मावजीभाई देसाई, उद्योग आयुक्त श्री पी. स्वरूपजी, जिला कलेक्टर श्री मिहिर पटेल, जिला विकास अधिकारी श्री एम. जे. दवे सहित जिले के अनेक उद्यमी, उद्योगपति और उद्योगकार शामिल हुए।
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