राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर में 125 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 1300 बेड के हॉस्टल का शिलान्यास कार्यक्रम चल रहा था। शिलापट्ट पर अपना नाम नहीं देखकर कांग्रेसी सांसद गीता कोड़ा भड़क गई और कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर चली गईं।
जमशेदपुर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर में 125 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 1300 बेड के हॉस्टल का शिलान्यास कार्यक्रम चल रहा था। इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी और सिंहभूम की कांग्रेसी सांसद गीता कोड़ा भी मौजूद थीं। इस बीच सांसद समर्थकों को जब शिलापट्ट पर सांसद का नाम नहीं दिखा तो वह भड़क गए, कांग्रेस समर्थकों ने हंगामा शुरु कर दिया। गीता कोड़ा भी नाराज हुईं और कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर बाहर निकल गईं।
सांसद के प्रोटोकाल का उल्लंघन: गीता कोड़ा
विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस सांसद ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यह गलती एनआईटी के निदेशक और प्रबंधन की है। उन्होंने प्रोटोकाल का उल्लंघन किया है। एक सांसद को आपने आमंत्रित किया है, तो आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि सांसद का किस तरह सम्मान किया जाता है। शिलापट्ट पर नाम न होने पर उन्होंने कहा कि यदि सम्मान नहीं देना चाहते हैं तो आमंत्रित करने का उद्देश्य क्या था? समर्थकों ने एनआईटी प्रबंधन के मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
कांग्रेस और भाजपा समर्थकों में हुई नोंंकझोक
कांग्रेसी समर्थकों ने जब एनआईटी प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की तो भाजपा समर्थकों ने इस पर आपत्ति जतायी। दोनों पक्ष के समर्थकों के बीच नोंकझोक भी हुई। मौजूद अधिकारियों ने उन्हें बाहर की तरफ निकाला। इसी हंगामे के बीच गीता कोड़ा कार्यक्रम छोड़कर निकल गईं।
केंद्रीय राज्यमंत्री ने ये कहा
पूरे प्रकरण पर केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि उनकी निदेशक से बात हुई है। शिलापट्ट बदला जाएगा, सांसद का सम्मान होना चाहिए। पर कांग्रेस समर्थक विरोध पर अड़े रहें और एनआईटी प्रबंधन पर जान बूझकर शिलापट्ट पर नाम नहीं अंकित करने का आरोप लगाया।