
Jharkhand Assembly session 2025: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार को फिर शुरू हुआ। सदन में पहले ही दिन झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन को 'भारत रत्न' देने की मांग उठी। कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने शोक प्रस्ताव के दौरान यह मांग की। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन ने समाज सुधार, आदिवासी व वंचित समाज के अधिकारों और अलग राज्य के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए सदन द्वारा उन्हें भारत रत्न देने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए। इससे पहले, सदन के नेता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने गुरुजी के व्यक्तित्व और आंदोलनों की प्रशंसा की। उनके कार्यों को याद किया।
इससे पहले, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने गुरुजी के निधन को एक युग का अंत बताया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके साथ खड़ा महान जन आंदोलन, उज्जा झारखंड, बाबा की अमरता का प्रमाण दे रहा है। गुरुजी न केवल एक बड़े राजनेता थे, बल्कि झारखंडी अस्मिता और संस्कृति के सबसे प्रमुख ध्वजवाहक भी थे। गुरुजी को केवल एक राजनेता मानना उचित नहीं होगा। उनके आंदोलन की व्यापकता को समझे बिना झारखंड राज्य निर्माण आंदोलन के व्यापक परिप्रेक्ष्य को समझना असंभव होगा। उन्होंने गुरुजी के टुंडी आश्रम, चेतब बैसी के निर्माण जैसे विषयों पर भी चर्चा की।
सदन में उपस्थित कई सदस्यों ने मेज थपथपाकर इस मांग का समर्थन किया। जनता दल यूनाइटेड के विधायक सरयू राय ने भी शोकसभा के दौरान अपने वक्तव्य में कहा कि दिशोम गुरु के रूप में प्रसिद्ध शिबू सोरेन के योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाना चाहिए। सरयू राय ने उन्हें भारत रत्न दिए जाने की मांग का समर्थन किया। आजसू पार्टी के विधायक निर्मल महतो ने भी सदन से शिबू सोरेन को भारत रत्न दिए जाने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजने का आग्रह किया। झारखंड लोकतांत्रिक क्रांति मोर्चा के विधायक जयराम महतो ने झारखंड की सबसे ऊंची पहाड़ी पारसनाथ की चोटी पर शिबू सोरेन और शीर्ष झारखंड आंदोलनकारियों की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की। प्रदीप यादव ने गुरुजी को भारत रत्न देने की मांग की और गुरुजी के शराबबंदी के सपने को साकार करने की भी मांग की। विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने गुरुजी के व्यक्तित्व और आंदोलनों की प्रशंसा की। उन्होंने उनके कार्यों को याद किया।
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झारखंड सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4,296.62 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने चालू वित्तीय वर्ष का पहला अनुपूरक बजट पेश किया। इन मांगों पर 25 अगस्त को चर्चा होनी है। चालू वित्तीय वर्ष की अनुपूरक मांगें पहले 4 अगस्त को पेश की जानी थीं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के सम्मान में सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के कारण इन्हें पेश नहीं किया जा सका। शिबू सोरेन का 4 अगस्त को निधन हो गया था। इससे पहले मार्च में, किशोर ने राज्य विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया था।
सदन में राज्य के दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मल्लिक, वरिष्ठ पत्रकार हरिनारायण सिंह और उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। शोक संवेदना के बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 1 अगस्त से 7 अगस्त 2025 तक निर्धारित था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के 4 अगस्त को निधन के कारण इसे अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था। अनुपूरक मानसून सत्र 22 अगस्त से शुरू हो गया है, जो 28 अगस्त तक चलेगा।
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