
रांची: झारखंड में नगर निगम चुनावों में पहली बार वोटिंग मशीनों (EVM) की जगह बैलेट पेपर का इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है। 2013 में EVM की शुरुआत के बाद यह पहली बार है जब राज्य के नगर निगम चुनावों में बैलेट पेपर का इस्तेमाल होगा। राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि यह बदलाव EVM की कमी के कारण किया गया है। झारखंड के पास ज़रूरी संख्या में मशीनें नहीं हैं। अब तक दूसरे राज्यों की मदद से चुनाव कराए जाते थे। लेकिन दूसरे राज्यों ने EVM देने से मना कर दिया है। EVM बनाने वाली कंपनी ने भी राज्य के लिए नई मशीनें बनाने में कम से कम एक साल का समय मांगा है। इन्हीं वजहों से बैलेट पेपर से चुनाव कराए जा रहे हैं।
राज्य चुनाव आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए आयोग ने बैलेट पेपर से नगर निगम चुनाव कराने का फैसला किया है और इसकी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग रंग के बैलेट पेपर इस्तेमाल किए जाएंगे। एक रंग चेयरपर्सन पद के लिए और दूसरा वार्ड सदस्यों के लिए होगा। वोटरों को दो बैलेट पेपर मिलेंगे और वे अलग-अलग बैलेट बॉक्स में अपना वोट डालेंगे। सूत्रों ने बताया कि बैलेट पेपर गुलाबी और सफेद रंग में छापे जाएंगे।
प्रसाद ने पुष्टि की कि हर जिले में पोलिंग स्टेशनों की संख्या के आधार पर ज़रूरी बैलेट बॉक्स उपलब्ध हैं और ज़रूरत के हिसाब से और व्यवस्था की जाएगी। सुचारू मतदान के लिए पुराने बक्सों की पेंटिंग और मरम्मत का काम भी शुरू हो गया है। समय और संसाधन बचाने और बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के लिए आयोग ने इस बार बैलेट पेपर कोलकाता के बजाय रांची में ही छापने का फैसला किया है।
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