जनजातीय गौरव दिवस 2025: पीएम मोदी और सीएम यादव ने दी 662 CR की सौगात, शालिनी ऐप लॉन्च

Published : Nov 15, 2025, 09:01 PM IST
birsa munda 150th jayanti

सार

जबलपुर में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया। पीएम मोदी और सीएम यादव ने जनजातीय वीरों के योगदान का सम्मान किया। कार्यक्रम में विकास कार्यों की सौगात, प्रतिभाओं का सम्मान और शालिनी ऐप लॉन्च किया गया।

जबलपुर में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह आयोजित हुआ। पूरे कार्यक्रम में जनजातीय वीरों के योगदान को याद किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

प्रधानमंत्री मोदी: जनजातियों का समग्र विकास हमारी प्राथमिकता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी और अंग्रेजों के खिलाफ मजबूती से खड़े रहे। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को जनजातीय वीरों के बलिदान से परिचित कराना आवश्यक है।

हर वर्ष 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का उद्देश्य इसी परंपरा को आगे बढ़ाना है। प्रधानमंत्री का यह संबोधन गुजरात के नर्मदा जिले से वर्चुअली प्रसारित हुआ, जिसे जबलपुर समारोह में उपस्थित सभी लोगों ने सुना।

जनजातीय भाषाओं, शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जनजातीय भाषाओं पर अध्ययन किया जाएगा और उनकी संस्कृति से जुड़ी जीवनशैली से सीखने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि जनजातीय समुदायों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी चुनौती रही है और अभी तक 6 करोड़ लोगों की जांच हो चुकी है।  देश भर में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च की गई है और इन स्कूलों में प्रवेश में 60% वृद्धि हुई है।

महिला क्रिकेट विश्वकप में जनजातीय बेटियों की उपलब्धि का सम्मान

प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातीय युवाओं ने खेल और अन्य क्षेत्रों में देश का नाम रोशन किया है। महिला क्रिकेट टीम की जीत में मध्यप्रदेश की एक जनजातीय बेटी का योगदान गर्व का विषय है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव: जनजातीय वीरों ने स्वराज की लौ जलाई

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर जनजातीय वीरों ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ी। टंट्या मामा, भीमा नायक, शंकर शाह–रघुनाथ शाह, रानी दुर्गावती जैसे वीरों ने जंगल, जल और जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष किया।

उन्होंने बताया कि बिरसा मुंडा ने अपनी संस्कृति और गौमाता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

प्रदेशभर में आयोजन और जनजातीय इतिहास पर प्रकाश

मुख्यमंत्री ने कहा कि 150वीं जयंती के अवसर पर बड़वानी, आलीराजपुर और जबलपुर में विशेष आयोजन हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल संबोधन के माध्यम से देशवासियों को जोड़ा। उन्होंने बताया कि टुरिया सत्याग्रह, निमाड़ और गोंडवाना क्षेत्र में जनजातीय आंदोलन अंग्रेजों के लिए चुनौती थे।

राज्य के जनजातीय नायकों का गौरवशाली इतिहास

मुख्यमंत्री ने महाकौशल की धरती को गोंड शासन के शौर्य, साहस और सुशासन का केंद्र बताया।

रानी दुर्गावती ने शेरशाह सूरी और अकबर के विरुद्ध 52 युद्ध लड़े और 51 में विजय प्राप्त की।

शंकर शाह और रघुनाथ शाह ने राष्ट्रभक्ति से प्रेरित होकर संघर्ष किया और बलिदान दिया।

1923 में बदाल भोई ने अपने साथियों के साथ आजादी की लड़ाई में योगदान दिया।

जनजातीय विकास के लिए 662 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय कल्याण के लिए 662 करोड़ रुपये से अधिक लागत के 133 विकास कार्य समर्पित किए गए हैं।

564 करोड़ के 106 कार्यों का लोकार्पण और 98 करोड़ के 27 कार्यों का भूमि पूजन किया गया। साथ ही शालिनी ऐप लॉन्च किया गया, जो जनजातीय योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराएगा।

जनजातीय प्रतिभाओं का सम्मान

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने जनजातीय समुदाय की उपलब्धियों पर उन्हें सम्मानित किया।

महिला क्रिकेटर क्रांति गौड़ को उत्कृष्ट प्रदर्शन पर 1 करोड़ रुपये का चेक दिया गया।

पद्मश्री अर्जुन सिंह धुर्वे, श्रीमती फुलझारिया बाई, श्रीमती उजियारो बाई, रागिनी मार्को और सृष्टि सिंह को भी सम्मानित किया गया।

पीवीटीजी वर्ग के 6 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।

छात्रावासों का नामकरण और नई भर्तियों की घोषणा

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सभी कन्या छात्रावास एवं आश्रमों का नाम वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर रखा जाएगा।

बालक छात्रावासों को शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम पर संचालित किया जाएगा।

वर्ष 2026 में 5,000 छात्रावास अधीक्षकों की भर्ती की जाएगी।

शालिनी ऐप की शुरुआत

जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने बताया कि शालिनी ऐप जनजातीय योजनाओं की जानकारी सीधे जनजातीय भाइयों तक पहुंचाएगा।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने इसका लोकार्पण किया।

समारोह का पारंपरिक स्वागत और समापन

राज्यपाल और मुख्यमंत्री का जनजातीय वेशभूषा और मोर मुकुट पहनाकर स्वागत किया गया।

कार्यक्रम का आरंभ वंदे मातरम् और समापन जन-गण-मन से हुआ।

 

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