
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि के जीवन और उनके द्वारा रचित महाकाव्य रामायण का उल्लेख करते हुए कहा कि वाल्मीकि जी के अमूल्य विचार मानवता, न्याय, और सद्भाव की शिक्षा देते हैं। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "वाल्मीकि जी के आशीर्वाद से सबका अंतस राममय हो, यही मेरी प्रार्थना है।"
कब और क्यों मनाई जाती है वाल्मिकी जयंती?
महर्षि वाल्मीकि का जन्म आश्विन माह की पूर्णिमा को हुआ था और उन्हें संस्कृत भाषा के पहले कवि यानी आदिकवि के रूप में जाना जाता है। वे पहले एक डाकू थे, लेकिन नारद मुनि से शिक्षा प्राप्त कर उनका ह्रदय परिवर्तन हुआ और वे महान तपस्वी बने। उनकी तपस्या के कारण उनके शरीर पर चींटियों ने बांबी बना दी, जिससे उनका नाम वाल्मीकि पड़ा। आगे चलकर उन्होंने रामायण की रचना की, जो संस्कृत साहित्य का महाकाव्य बना।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से महर्षि वाल्मीकि के विचारों को आत्मसात करने का आह्वान किया और कहा कि उनके सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं और हमें मानवता की सेवा और न्याय के लिए प्रेरित करते हैं।
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