
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में नारी सशक्तिकरण का अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश की लाड़ली बहनों से किया गया मुख्यमंत्री का वादा 12 नवम्बर 2025 को पूरा होगा। सिवनी में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में एक करोड़ 26 लाख से अधिक लाड़ली बहनों को बढ़ी हुई राशि उनके खातों में भेजी जाएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव हर बहन के खाते में ₹1500 की राशि अंतरित करेंगे। प्रदेशभर की महिलाएं इस पहल पर अपने “भैया मोहन” के प्रति आभार व्यक्त कर रही हैं और कह रही हैं कि वे ठीक वैसे ही उनका ध्यान रख रहे हैं, जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी बहन सुभद्रा का रखा था।
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना जून 2023 से अक्टूबर 2025 तक महिलाओं को लगातार आर्थिक सहायता देती आ रही है। इस दौरान लाभार्थियों को 29 किस्तों में नियमित राशि दी गई है। इसके अलावा रक्षा बंधन पर तीन बार (अगस्त 2023, 2024, 2025) ₹250 की विशेष सहायता राशि भी दी गई। अब तक कुल ₹44,917.92 करोड़ की राशि का सीधा अंतरण महिलाओं के बैंक खातों में किया जा चुका है। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है।
प्रदेश के सभी 52 जिलों की कुल 1,26,36,250 महिलाओं को इस योजना का लाभ प्राप्त हुआ है। सबसे अधिक लाभार्थी इंदौर जिले में हैं- 4,40,723 महिलाएं। इसके बाद सागर (4,19,903), रीवा (4,03,182), छिंदवाड़ा (3,90,311), धार (3,82,417) और जबलपुर (3,81,848) का स्थान आता है।
राजगढ़, शिवपुरी, देवास, विदिशा, भिंड, बेतुल में भी लाखों महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।
सिवनी (2,68,187), मंदसौर (2,62,827), रतलाम (2,50,176), रायसेन (2,46,390), दमोह (2,45,143), सीहोर (2,42,717), कटनी (2,41,302), बड़वानी (2,37,060), गुना (2,28,604), खंडवा (2,16,372), नर्मदापुरम (2,09,837), सिद्धी (2,09,706), टीकमगढ़ (2,07,079), नरसिंहपुर (2,08,734) सहित सभी जिलों में लाखों बहनें योजना से जुड़ी हैं।
सिंगरौली (1,97,004), मंडला (1,95,153), झाबुआ (1,92,511), शहडोल (1,88,729), पन्ना (1,82,220), शाजापुर (1,73,900), नीमच (1,57,658), अशोकनगर (1,55,387), दतिया (1,44,239), अनूपपुर (1,26,054), अलीराजपुर (1,23,492), आगर मालवा (1,17,255), उमरिया (1,09,113), श्योपुर (1,08,673) और हरदा (93,516)। निवाड़ी जिले में 80,157 महिलाएं योजना से लाभान्वित हुई हैं।
इस योजना से प्रदेश की महिलाओं के जीवन में आत्मनिर्भरता और सम्मान की भावना मजबूत हुई है। महिलाओं ने प्राप्त राशि का उपयोग दैनिक आवश्यकताओं, बच्चों की शिक्षा, छोटे व्यापार और घरेलू जरूरतों के लिए किया। इससे वे परिवारिक निर्णयों में अधिक सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। लाड़ली बहना योजना ने गाँवों से लेकर शहरों तक “आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश” के निर्माण में अहम योगदान दिया है।
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