
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन में आकाशवाणी केंद्र खोलने की इच्छा अब पूरी हो गई है। भवन पहले से तैयार था, लेकिन प्रसारण की मंजूरी का इंतजार था। मंजूरी मिलते ही सिर्फ छह महीने में यह केंद्र शुरू हो गया। यह प्रदेश का 20वां आकाशवाणी केंद्र है। उन्होंने कहा कि यहां से प्रसारित हर शब्द उज्जैन और सिंहस्थ की प्रतिष्ठा बढ़ाएगा। आकाशवाणी के कार्यक्रम गांव-गांव तक उज्जैन और सिंहस्थ की महिमा पहुंचाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आकाशवाणी ने मनोरंजन के साथ समाजसेवा और जनजागरूकता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उज्जैन से शुरू हो रहा प्रसारण इतिहास में नया अध्याय जोड़ेगा। यहां रोज सुबह 5:55 बजे से रात 11 बजे तक लगातार प्रसारण होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उज्जैन जिले के लिए 179 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें महाराजवाड़ा में 55 करोड़ 27 लाख की लागत से बने सांदीपनि स्कूल, 30 करोड़ 21 लाख की लागत से बने उज्जैन रेलवे ओवरब्रिज सहित कई परियोजनाएं शामिल हैं।
उन्होंने 50 करोड़ से अधिक लागत के सड़क निर्माण कार्य, धनवंतरी आयुर्वेदिक महाविद्यालय में 250 सीटर छात्रावास, रेप्टाइल पार्क, स्नेक पार्क और हाईटेक नर्सरी के निर्माण का भूमिपूजन भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन आयुर्वेद की महत्वपूर्ण स्थली है, इसलिए यहां आयुर्वेद का एम्स बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन के लोगों का लंबे समय से इंतजार था कि उनका खुद का आकाशवाणी केंद्र हो। यह सपना अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरुगन के प्रयासों से पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि उज्जैन की हवा में महाकाल की भक्ति और शक्ति बसती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली है और यहां सम्राट विक्रमादित्य का गौरव आज भी जीवित है। यह आकाशवाणी केंद्र उज्जैन के लिए “देववाणी” की तरह काम करेगा। उन्होंने बताया कि 2028 में सिंहस्थ महाकुंभ आयोजित होगा और इसकी तैयारियां तेज हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आकाशवाणी ने कला, संस्कृति, शिक्षा और जनजागरूकता के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है। सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के बीच उज्जैन आकाशवाणी का शुरू होना “सोने पर सुहागा” है। इसके जरिए देश-विदेश के श्रद्धालु उज्जैन की संस्कृति और सिंहस्थ की जीवंत झलक सुन सकेंगे।
उन्होंने बताया कि सिंहस्थ महाकुंभ को UNESCO की सूची में भी शामिल किया गया है। शहर की सड़कों के चौड़ीकरण, ट्रैफिक सुधार और अन्य अवसंरचना कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। रुद्रसागर पर वाटर स्क्रीन प्रोजेक्शन और म्यूजिकल फाउंटेन शो भी शुरू किए गए हैं।
उज्जैन में मेडिकल टूरिज्म हब विकसित किया जा रहा है और मेडिसिटी का निर्माण जारी है। सिंहस्थ 2028 से जुड़े सभी काम वर्ष 2027 तक पूरे करने का लक्ष्य है।
केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने कहा कि उज्जैन आकाशवाणी अब अपने खुद के बनाए कार्यक्रमों का प्रसारण करेगा। यह एक पूर्ण विकसित (Full-fledged) केंद्र है। मध्यप्रदेश में उज्जैन को मिलाकर अब 20 आकाशवाणी केंद्र संचालित हैं।
उन्होंने कहा कि यह केंद्र युवाओं के लिए रोजगार और प्रसारण कौशल प्रशिक्षण का माध्यम बनेगा। साथ ही मालवा की संस्कृति, लोक कलाओं, स्थानीय व्यंजनों और बोलियों को नई पहचान देगा। आकाशवाणी उज्जैन से मालवी बोली में समाचार प्रसारित किए जाएंगे।
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