
Gwalior News : मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक शहर ग्वालियर में शुकवार को ग्वालियर रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव संपन्न हुआ। जिसमें राज्य के कई नेता से लेकर प्रदश ही नहीं देशभर के कई उद्योगपतियों-निवेशकों ने हिस्सा लिया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ग्वालियर रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में प्रमुख निवेशकों ने ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग में 3500 करोड़ से अधिक के निवेश की इच्छा जताई है। इस तरह उन्होंने इन क्षेत्रों में पर्यटन के विकास की अपार संभावनाओं को रेखांकित किया है। यह ऐतिहासिक पल दोनों संभागों के लिए आर्थिक समृद्धि और रोजगार के नए द्वार खोलेगा। आज पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए 7 जमीनों के लिए 6 निवेशकों को लेटर ऑफ अलॉटमेंट जारी किए गए हैं। प्रदेश में इससे सीधे तौर पर 60 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश, प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के असंख्य अवसर पैदा होंगे। इन जमीनों पर होटल, रिसॉर्ट और इको टूरिज्म यूनिट आदि का निर्माण किया जाएगा।
ग्वालियर रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में मंदसौर-धार में निवेश करने वाले अरुण तिवारी, बुरहानपुर में निवेश करने वाले यश जैन, शाजापुर में निवेश करने वाली स्मृति मुकुल थोराट, विदिशा में निवेश करने वाले अमित उपाध्याय, मंदसौर में निवेश करने वाले संजय पाव, जबलपुर में निवेश करने वाले विकास नेमा-प्रवीण नायक को लैटर ऑफ अवॉर्ड दिए गए।
विरासतों के संरक्षण के लिए अहम शिलान्यास-विमोचन सीएम डॉ. यादव ने बताया कि ग्वालियर-चंबल और सागर के पर्यटन को बढ़ावा देने, विरासतों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण शिलान्यास एवं विमोचन कार्य किए गए हैं। इसमें स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत, ग्वालियर में ऐतिहासिक फूलबाग क्षेत्र का 17 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के लिए 58.46 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास शामिल हैं। कार्यक्रम में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का विमोचन किया गया। साथ ही, ग्वालियर किले के संरक्षण, सौंदर्गीकरण और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्य योजना का विमोचन किया गया। इंडिगो ने किले के सौंदर्यीकरण के लिए सीएसआर पॉलिसी के तहत 100 करोड़ रुपये के निवेश की बात कही है।
मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड ने डेलबर्टो संस्था के साथ मिलकर पारंपरिक शिल्प-बुनाई कला को बढ़ावा देने के लिए शिल्पकारों के उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म क्राफ्टग्रूम (Craftgroom) उपलब्ध कराने की पहल की है। इससे देश-विदेश के पर्यटक और कला प्रेमी कहीं से भी आकर्षक हस्तशिल्प व सूवेनियर खरीद सकेंगे। साथ ही, शिल्पकारों को घर बैठे ही बिक्री का लाभ मिलेगा।
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