
MP Free School Fees Reimbursement 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एक बड़े और महत्वपूर्ण कार्यक्रम के तहत 29 सितंबर, 2025 को अशासकीय स्कूलों में पढ़ रहे 8 लाख 45 हजार छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति सीधे स्कूलों के खातों में सिंगल क्लिक से ट्रांसफर करेंगे। इस बार राज्य सरकार लगभग 489 करोड़ रुपये की राशि स्कूलों को अंतरित करेगी।
राज्य शिक्षा केंद्र की अपर मिशन संचालक हरसिमरन प्रीत कौर ने बताया कि यह कार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के तहत किया जा रहा है। इस योजना का मकसद वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को उनकी प्राथमिक शिक्षा में कोई बाधा न आने देना है। प्रदेश के 20,652 अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को इस योजना के तहत फायदा मिलेगा। पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अशासकीय स्कूलों में लगभग 19 लाख बच्चों को नि:शुल्क अध्ययन का लाभ मिल चुका है। सरकार ने अब तक करीब 3,000 करोड़ रुपये की फीस प्रतिपूर्ति की है।
फीस प्रतिपूर्ति का कार्य इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। बच्चों की फीस सीधे उनके स्कूल के बैंक खाते में आएगी। योजना के अंतर्गत मुख्य रूप से उन बच्चों को लाभ मिलता है जो अपने ग्राम, वार्ड या पड़ोस के अशासकीय स्कूलों में पहले प्रवेशित कक्षा में पढ़ रहे हैं। न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटें विशेष रूप से वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित हैं। इस योजना से न सिर्फ बच्चों के माता-पिता को राहत मिलेगी, बल्कि अशासकीय विद्यालयों को भी वित्तीय सहायता मिलेगी। इससे शिक्षक और स्कूल प्रशासन अपने शैक्षणिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे और बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल इस बात का भरोसा दिलाती है कि राज्य सरकार की शिक्षा नीतियाँ सीधे लाभार्थियों तक पहुँच रही हैं। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी फीस प्रतिपूर्ति से लाखों बच्चों को सीधे फायदा मिलेगा। इस बार की फीस प्रतिपूर्ति योजना मध्य प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 की प्रभावशीलता का प्रमाण है। यह योजना न केवल शिक्षा के अधिकार को मजबूत करती है, बल्कि वंचित बच्चों के भविष्य को भी सुरक्षित बनाती है।
मध्य प्रदेश में सरकारी नीतियों, योजनाओं, शिक्षा-रोजगार, मौसम और क्षेत्रीय घटनाओं की अपडेट्स जानें। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए MP News in Hindi सेक्शन पढ़ें — सबसे भरोसेमंद राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।