माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 के जरिए MP को मिली 56,414 करोड़ की सौगात, रोजगार के इस तरह बढ़ते दिखें आसार

Published : Aug 24, 2025, 12:32 PM IST
Katni Mining Conclave 2.0 CM Mohan Yadav

सार

Katni Mining Conclave 2.0: कटनी में माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 का बेहद ही शानदार आयोजन किया गया। इस दौरान रोजगार के अवसर और आर्थिक स्थिति को मजूबत करने पर खुलकर चर्चा हुई।

Madhya Pradesh Mining Summit CM Mohan Yadav: मध्यप्रदेश के लिए 23 अगस्त का दिन बेहद खास रहा। राज्य को खनिज क्षेत्र में 56 हजार 414 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले। इस निवेश से एक तरफ प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, तो दूसरी तरफ युवाओं-महिलाओं और गरीब वर्ग को रोजगार मिलेगा। दरअसल, कटनी में 'मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0' का आयोजन किया गया। इसमें करीब 2 हजार से ज्यादा प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि खनिज के मामले में मध्यप्रदेश की देश में अलग पहचान है। प्रदेश में खनिज आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार ने इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की शुरुआत की है। हम सरकार के गठन के साथ ही इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। अभी तक हम संभाग स्तर पर इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का आयोजन कर रहे थे, भविष्य में जिले की प्रकृति के हिसाब से जिला स्तर पर इस तरह के कार्यक्रम करेंगे। कॉन्क्लेव में राज्य शासन ने क्रिटिकल मिनरल की खोज, प्रसंस्करण और संवर्धन के लिए कोल इंडिया लिमिटेड के साथ एमओयू किया। शासन ने खनन क्षेत्र में आर्टिफियल इंटेलीजेन्स, आईओटी, ब्लॉक चेन, रिमोट सेंसिंग के उपयोग के मद्देनजर धनबाद की टेक्समिन आईएसएम के साथ भी एमओयू किया। इसी तरह खनिज अन्वेषण अनुसंधान के लिए राज्य शासन ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल के साथ भी एमओयू साइन किए।

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कॉन्क्लेव के बाद सीएम डॉ. यादव ने मीडिया से कहा कि खनिज साधन विभाग ‌द्वारा आज "मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव कटनी" का आयोजन किया गया। यह आयोजन जिले और प्रदेश के विकास की महत्वपूर्ण पहल है। इस आयोजन में निवेशकों ने खनन क्षेत्र में 56 हजार 414 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव दिए हैं। यह आयोजन प्रदेश में खनिजों की नवीन संभावनाओं को जानने के लिए सफल आयोजन है। खनिज अन्वेषण और पूर्वेक्षण में आधुनिक तकनीक से सभी उ‌द्द्मियों को अवगत कराने के लिए एक मंच प्रदान किया गया। खनन क्षेत्र के उ‌द्द्मियों, खनन क्षेत्र की प्रतिष्ठित संस्थाओं, खनन विशेषज्ञों, भारत सरकार के खनन क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम और राज्य शासन के मध्य सामंजस्य के लिए प्रभावी वातावरण तैयार करने में यह आयोजन सफल हुआ।

खनिज को लेकर फेमस है कटनी

सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कटनी जिला विविध खनिजों के दोहन और खनिज आधारित उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है। इस आयोजन में प्रदेश के खनिज उद्यमियों द्वारा भाग लिया गया। इससे कटनी जिले में उपलब्ध खनिज संपदा को प्रदेश में नया मंच मिला है। इस क्षेत्र में चूनापत्थर आधारित सीमेंट उ‌द्योग, डोलोमाईट से निर्मित पुट्टी प्लांट, मार्बल, क्ले से बनने वाली अग्निसह ब्रिक्स और बॉक्साईट खनिज पर आधारित विभिन्न उ‌द्योग स्थापित हैं। भविष्य में और औ‌द्योगिक इकाईयों की प्रचुर संभावनाएं हैं।

एमपी में व्यापार के लिए सबकुछ

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजिनरी लीडर हैं। उन्होंने गुजरात से विकास का परिदृश्य तैयार किया। उन्होंने किसानों-युवाओं-महिलाओं की जिंदगी बेहतर की। हम सब गुजरात के विकास मॉडल को जानते हैं। रतन टाटा ने लखटकिया कार का सपना देखा। उनकी उत्कृष्ट सोच थी कि जो परिवार बाइक पर जा रहा है, उसे अगर उतने ही रुपये में कार मिल जाए तो पूरा परिवार सुरक्षित हो जाएगा। इसी तरह की सोच हमारी भी है। हमारी संस्कृति जीओ और जीने दो की है। आज व्यापार अहम हो गया है। चारों ओर व्यापार की ही बात हो रही है। ब्रिटिश साम्राज्य भी यहां व्यापार ही करने आया था। अंग्रेजों ने हमारे भोलेपन का फायदा उठाया और गुलाम बना लिया। लेकिन, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का नाम ऊंचा हुआ है। उद्यमशील लोग लगातार आगे बढ़ रहे हैं। उद्योगों के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिलते हैं। युवाओं, खासकर महिलाओं को घर चलाने में बड़ी मदद मिलती है। इसलिए हमने सरकार बनते ही तय किया कि औद्योगीकरण को मजबूत किया जाएगा। मध्यप्रदेश में किसी बात की कमी नहीं। पर्याप्त लैंड बैंक है, बिजली है, आने-जाने के लिए अच्छी सड़के हैं। आने वाले दिनों में यहां एयर कार्गो भी बनने जा रहा है।

जनता के कल्याण के लिए काम कर रही सरकार

कटनी में खनिज का भंडार है। अब तो प्रदेश में क्रिटिकल और माइनर मेटल भी मिल रहे हैं। पन्ना में हीरे मिलते हैं, तो कटनी में भी सोना मिल सकता है। राज्य सरकार ने सभी सेक्टरों के विकास के लिए पारदर्शी नीतियां लागू की हैं। प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए पहले इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की। उसके बाद अब हम सेक्टर आधारित आयोजन कर रहे हैं। 27 अगस्त को उज्जैन में स्प्रिरीचुअल कॉन्क्लेव और 31 अगस्त को ग्वालियर में टूरिज्म कॉन्क्लेव आयोजित करेंगे। राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। जब भारत 2047 तक विकसित देश बनेगा तब तक प्रदेश की परिस्थिति बदल जाएगी। राज्य सरकार ने कुशल युवाओं के विकास के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। कटनी को 25 अगस्त को बड़ी सौगात मिलने वाली है। प्रदेश में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेजों के साथ अस्पताल शुरू किए जा रहे हैं। कॉलेज खोलने पर 1 रुपए में 25 एकड़ जमीन देंगे। 25 अगस्त को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष 4 मेडिकल कॉलेजों के लिए एमओयू करेंगे। प्रदेश सरकार ने श्रम कानून में बदलाव करते हुए महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी है। प्रदेश सरकार की नीतियों से आज दूसरे राज्य भी सीख ले रहे हैं। मध्य प्रदेश देश का नंबर-1 राज्य बने, इसके लिए कार्य कर रहे हैं। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि मध् प्रदेश में हर प्रकार की अनुकूलता है। एमपी देश का दिल है और पाक साफ है। उद्योगपति सीमा पर तैनात जवान और खेत में काम कर रहे किसान की तरह हैं। वे उद्योग स्थापित कर कई लोगों को रोजगार उपलब्ध कराते हैं। कई घरों को रौशन करते हैं।

इन लोगों के बीच एमओयू रहा खास

कार्यक्रम में राज्य शासन ने क्रिटिकल मिनरल की खोज, प्रसंस्करण और संवर्धन के लिए कोल इंडिया लिमिटेड के साथ एमओयू किया। शासन ने खनन क्षेत्र में आर्टिफियल इंटेलीजेन्स, आईओटी, ब्लॉक चेन, रिमोट सेंसिंग के उपयोग के मद्देनजर धनबाद की टेक्समिन आईएसएम के साथ भी एमओयू किया। इसी तरह खनिज अन्वेषण अनुसंधान के लिए राज्य शासन ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल के साथ भी एमओयू साइन किए।

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एमपी में मिलते हैं सारे खनिज

प्रमुख सचिव, खनिज संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती हीरे के साथ सोना भी उगलती है। प्रदेश देश में ऐसा इकलौता राज्य है, जहां हर तरह के खनिज उपलब्ध हैं। कॉपर में सबसे अधिक उत्पादन, लाइमस्टोन और हीरा उत्पादन में भी प्रदेश अग्रणी है। कई खनिज की उपलब्धता उच्च श्रेणी में है। प्रदेश के हर जिले में कोई न कोई खनिज जरूर मिलता है। शहडोल में कोल, बॉक्साइड है, छिंदवाड़ा में कोल और बैतूल में ग्रेफाइट है। खनिजों के दोहन के लिए आवश्यक अधोसंरचना की जरूरत है। मध्य प्रदेश में 5 लाख किलोमीटर लंबी सड़कें हैं। प्रदेश के इंस्टीट्यूट से हर साल 1 लाख बच्चे पढ़कर निकलते हैं। प्रदेश में बिजली सरप्लस है और पानी की पर्याप्त उपलब्धता है। प्रदेश में ईंधन के लिए पेट्रोलियम और गैस के 12 ब्लॉक चिह्नित किए हैं। कोल बेस्ड मीथेन 37 प्रतिशत मध्य प्रदेश प्रोड्यूस करता है। खनन क्षेत्र के बेहतर दोहन के लिए सरकार और कंपनियों की अहम भूमिका है। जबलपुर में गोल्ड का भंडार मिला है। ग्रेफाइट सहित 30 क्रिटिकल एलिमेंट, जिन्हें क्रिटिकल मिनरल्स कहते हैं। लीथियम और लौह अयस्क के लिए सीधी में एक बेल्ट चिह्नित की गई है। प्रदेश में खनिज संपदा का देश में सबसे अधिक खनन हो रहा है। देश के दिल मध्य प्रदेश आइए, यहां आपको सोना और हीरे के साथ बहुत कुछ मिलेगा।

सारे वादे पूरे करती है एमपी सरकार

औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में 1 लाख एकड़ से अधिक लैंडबैंक है। यहां बिजली सरप्लस है, जिसका 20 प्रतिशत ग्रीन एनर्जी से आता है। हम 2030 तक एनर्जी बॉस्केट में 50 प्रतिशत ग्रीन एनर्जी शामिल करेंगे। प्रदेश में कुशल और सस्ती दरों पर श्रमिक उपलब्ध हैं। 5100 करोड़ से अधिक का निवेश प्रोत्साहन दिया है। राज्य सरकार निवेशकों से किए सभी वादे पूरे करती है। 4 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर हैं, एक और नया बनेगा। कटनी में मल्टी मॉडल इंडस्ट्रियल डिपो बनाने जा रहा है। 5 हजार से अधिक स्टार्टअप काम कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने फरवरी में 18 नई बिजनेस फ्रेंडली पॉलिसी लागू की थी। सरकार जमीन पर इकाई स्थापित करने पर उद्योगों को 40 प्रतिशत तक सहायता प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन में ट्रेड एग्रीमेंट के समय ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ स्पीड ऑफ डूइंग बिजनेस पर भी जोर दिया है। कोई भी निवेशक 30 दिन में प्रदेश में उद्योग शुरू कर सकता है। राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश जन विश्वास बिल पेश किया है। प्रदेश की जनता को सरकार पर भरोसा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद प्रदेशभर में अलग-अलग सेक्टर के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की गई हैं। जीआईएस में 30.77 लाख करोड़ के निवेश आए। उसके बाद 1 लाख करोड़ का निवेश अलग-अलग कार्यक्रमों में मिल चुका है। मध् प्रदेश देश का दिल है और यह बहुत बड़ा है।

*उद्योगपतियों ने क्या कहा*

माइनवेयर एडवायजर के एमडी कौशिक बोस ने कहा कि हमारी कंपनी मैकेनाइज माइनिंग करती है। हमारा राज्य में 450 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। हम प्रदेश सरकार का शुक्रिया अदा करते हैं। हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के सीएमडी संजीव कुमार सिंह ने कहा कि तांबा एक सात्विक धातु है। भारत में तांबे के उपयोग का प्राचीन इतिहास रहा है। हमारी 12 मिलियन टन तांबा उत्पादन क्षमता में 5 टन मलजखंड खदान से आएगा। कंपनी ने 32 टन कॉपर राम मंदिर निर्माण के लिए दान दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सहयोग से मध्यप्रदेश को तांबा उत्पादन में अग्रणी बनाएंगे।

*कॉन्क्लेव में कौन-कौन हुए शामिल*

इस आयोजन में लगभग 2 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें विषय विशेषज्ञ, खनिज उद्यमी, निवेशक और भारत सरकार के संस्थान कोल इंडिया लिमिटेड, मैगनीज ओर इंडिया लिमिटेड, हिन्दस्तान कॉपर लिमिटेड, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, टेक्समिन आईएसएम शामिल थे। निवेशकों ने भविष्य में खनन और खनिज आधारित उ‌द्योगों में निवेश की रुचि दिखाई।

सीएम मोहन यादव की इनके साथ हुई वन-टू-वन और वर्चुअल मीटिंग

सीएम डॉ. मोहन यादव ने सिंघल विजनेस के सौरभ जैन, विनमीर रिसोर्सेस के गोविंद ए. शोरेवाला, रमनीक पावर एंड एलॉयएस के हर्ष त्रिवेदी-निश्चल त्रिवेदी, माइनवेयर एडवायजर के कौशिक बोस, हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के संजीव कुमार सिंह, महाकौशल रिफ्रेक्ट्रीज के मयंक गुगलिया से वन-टू-वन मीटिंग की। इसके अलावा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजीव मुंद्रा (कोलकाता), जेपी अग्रवाल (श्रीलंका से), विवेक भाटिया (दिल्ली), वी. साईंराम (कोचीन), थॉमस चेरियन (हैदराबाद) से उनकी निवेश योजनाओं एवं अनुभव को लेकर वर्चुअल संवाद किया। उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार मानते हुए कहा कि हम एक से डेढ़ साल में प्रदेश में इकाई स्थापित कर पा रहे हैं। यह अन्य किसी राज्य में संभव नहीं है। विवेक भाटिया ने कहा कि भारत में मध्य प्रदेश को बिल्कुल अलग तरह से देखा जा रहा है। सीआईआई से जुड़ी 100 से अधिक माइनिंग कंपनियां मध्यप्रदेश के खनन क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं देख रही हैं। बीना रिफाइनरीज सहित अन्य स्थानों पर विभिन्न गतिविधियां संचालित हैं। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां प्रदेश में निवेश बढ़ाना चाहती हैं। वी. साईंराम ने कहा कि हमारी कंपनी कोल इंडिया का 18 प्रतिशत कोल प्रोडक्शन कर रही है। सिंगरौली कोल प्रोडक्शन का बड़ा केंद्र है। केंद्र और राज्य सरकार की उद्योग केंद्रित नीतियों के बल पर हमें केवल 55 दिनों फॉरेस्ट क्लियरेंस मिला है। थॉमस चेरियन ने कहा कि क्रिटिकल मिनरल्स देश के लिए महत्वपूर्ण है और मध्य प्रदेश में यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। आदित्य बिरला ग्रुप सरकार के साथ कार्य करने के लिए तैयार है।

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