सीएम मोहन यादव का विजन रंग लाया, 4.26 लाख नई उद्योग इकाइयों से चमका एमपी!

Published : Oct 22, 2025, 06:04 PM IST
mp manufacturing startup growth mohan yadav

सार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की नीतियों से विनिर्माण और स्टार्टअप सेक्टर में तेजी से विकास हुआ है। राज्य में 4.26 लाख विनिर्माण इकाइयाँ, 47% महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप और 30% जीडीपी योगदान देने वाला एमएसएमई सेक्टर निवेश का नया केंद्र बना है।

भोपाल। मध्यप्रदेश अब सिर्फ एक कृषि प्रधान राज्य नहीं रहा. यह तेजी से भारत का नया विनिर्माण और स्टार्टअप हब बनकर उभर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य में औद्योगिक वातावरण, निवेश नीति और स्टार्टअप ईकोसिस्टम में ऐसा परिवर्तन आया है, जिसने देश-विदेश के निवेशकों का ध्यान खींचा है।

विनिर्माण क्षेत्र में रिकॉर्ड वृद्धि: तीन साल में 4.26 लाख इकाइयाँ

राज्य में निवेश मित्र नीतियों और उद्योग समर्थक प्रावधानों के कारण पिछले तीन वर्षों में विनिर्माण इकाइयों की संख्या बढ़कर 4,26,230 हो गई है। वर्ष 2022-23 में 67,332 इकाइयाँ पंजीकृत हुईं, जो 2024-25 में बढ़कर 1,13,696 तक पहुँच गईं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अनुसार, "मध्यप्रदेश का लक्ष्य सिर्फ उद्योग लाना नहीं, बल्कि रोजगार सृजन और आत्मनिर्भरता को सशक्त बनाना है।" वर्तमान में राज्य में 20.43 लाख एमएसएमई इकाइयाँ कार्यरत हैं — जिनमें से अधिकांश सूक्ष्म उद्योग हैं। यही एमएसएमई अब राज्य की जीडीपी में 30% का योगदान दे रहे हैं और एक करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं।

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महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स में 47% की भागीदारी

राज्य की स्टार्टअप नीति के प्रभाव से अब तक 6000 से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हुए हैं, जिनमें लगभग 2900 (47%) महिला उद्यमियों द्वारा संचालित हैं। प्रदेश में अब 100 से अधिक इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित हो चुके हैं — जिनमें स्मार्ट सिटी इनक्यूबेटर, अटल इनोवेशन सेंटर, एग्री और टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर शामिल हैं।

RAMP योजना से नवाचार को नई उड़ान

RAMP (Raising and Accelerating MSME Performance) योजना के तहत प्रदेश के सभी जिलों में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। पहले चरण में भोपाल, हरदा, रायसेन, विदिशा, अशोकनगर, राजगढ़ और नर्मदापुरम् में केंद्रों की स्वीकृति मिल चुकी है।

स्टार्टअप नीति 2025: 30 लाख का सीड फंड और 100 करोड़ का कैपिटल फंड

नई नीति के तहत नवाचार करने वाले युवाओं को अब वित्तीय सहायता की कमी नहीं झेलनी पड़ेगी। राज्य सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए 30 लाख रुपये तक का सीड फंड अनुदान और 100 करोड़ रुपये का कैपिटल फंड जारी किया है, जिससे नई इकाइयों को शुरुआती चरणों में मदद मिलेगी।

मेगा इनक्यूबेशन सेंटर और पेटेंट सहायता

राज्य में एक मेगा इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया जा रहा है, जिसके सैटेलाइट यूनिट्स अन्य शहरों में होंगे। इसके अलावा, घरेलू पेटेंट के लिए 5 लाख रुपये और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए 20 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी — ताकि नवाचार को वैश्विक पहचान मिल सके।

महिला उद्यमिता को विशेष प्रोत्साहन

महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को किराया सहायता, प्रोटोटाइप विकास फंडिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग सहायता जैसी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। नई नीति में महिलाओं के लिए समर्पित फंड और प्रशिक्षण प्रोग्राम की भी व्यवस्था की गई है।

नवाचार, रोजगार और आत्मनिर्भरता का त्रिकोण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का लक्ष्य स्पष्ट है — “हर जिले में उद्यमिता की लहर, हर युवा के हाथ में रोजगार, और हर नवाचार को मंच मिले।”राज्य की नई नीति ने यह साबित कर दिया है कि यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति और नीति में स्पष्टता हो, तो कोई भी राज्य आर्थिक प्रगति की नई ऊंचाइयां छू सकता है।

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