मुजफ्फरनगर में 50 लाख दहेज विवाद के बाद ससुराल के बाहर धरने पर बैठी नवविवाहिता को 50 घंटे बाद एंट्री मिल गई। जानिए क्या है पूरी खबर!
मुजफ्फरनगर: यूपी के मुजफ्फरनगर में 30 मार्च से अपने ससुराल के बाहर धरने पर बैठी नवविवाहिता शालिनी सिंघल को आखिरकार 50 घंटे बाद घर में एंट्री मिल गई। आरोप था कि पति प्रणव सिंघल और उनके परिवार ने 50 लाख रुपये दहेज की मांग को लेकर उसे घर में घुसने से रोक दिया था।
30 वर्षीय शालिनी सिंघल की शादी 2 फरवरी को 32 वर्षीय प्रणव सिंघल से हुई थी। शादी के बाद 15 फरवरी को दोनों हनीमून के लिए इंडोनेशिया गए और 10 दिन बाद लौटे। सूत्रों के मुताबिक, शालिनी 5 मार्च तक अपने ससुराल में रही, फिर होली के लिए अपने मायके चली गई। जब 30 मार्च को वापस आई, तो उसे कथित तौर पर घर में घुसने से रोक दिया गया। इसके बाद वह ससुराल के बाहर धरने पर बैठ गई।
शालिनी का आरोप था कि शादी के बाद से ही पति और ससुरालवालों का रवैया ठीक नहीं था। हनीमून के दौरान भी पति का व्यवहार अजीब था और उन्होंने 50 लाख रुपये दहेज की मांग की। दूसरी ओर, पति प्रणव का कहना था कि शालिनी ने शादी के बाद से ही शारीरिक संबंध बनाने से इनकार कर दिया और धमकी दी कि अगर उन्होंने जबरदस्ती की तो वह उन पर केस कर देगी।
करीब 50 घंटे तक चले इस धरने को खत्म करने के लिए समाज के सम्मानित लोग, सपा, रालोद और बीजेपी के नेताओं ने मध्यस्थता की। दोनों पक्षों से बातचीत के बाद शालिनी को आखिरकार ससुराल में एंट्री मिल गई। शालिनी के चाचा आशीष कुमार ने बताया कि दोनों के बीच गलतफहमी थी, जिसे दूर कर दिया गया है। अब दोनों खुशी-खुशी साथ रह रहे हैं।
प्रणव सिंघल ने दहेज मांगने के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें अपनी सुरक्षा का डर है। उन्होंने कहा, “हमें डर था कि वह कोई गलत कदम उठा सकती है, खासकर मेरठ के ब्लू ड्रम कांड के बाद।”
नई मंडी सर्किल ऑफिसर रूपाली राव ने बताया कि पुलिस को अब तक शालिनी की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर कोई औपचारिक शिकायत दर्ज होती है, तो कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।